नई दिल्लीः सोने को लेकर भारतीयों का रुझान किसी से छुपा नहीं है. सोने के गहनों की जितनी खपत भारत में होती है उससे भारत सोने की खपत के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल हैं. सोना भारतीय महिलाओं की कमजोरी के तौर पर भी पेश किया जाता रहा है. गहनों को लेकर भारतीय महिलाएं बेहद इमोशनल भी होती हैं. उनके लिए सोने के गहने सिर्फ एक आभूषण के रूप में नहीं होते हैं बल्कि ये उनके लिए एक संबल होता है कि मुश्किल समय में वो उनके काम भी आएंगे.


फिलहाल सोने के दाम देखें तो ये करीब 39,000 के करीब पहुंचे हुए हैं. इसके बावजूद लोगों में सोने को लेकर आकर्षण खत्म नहीं हो रहा है. हालांकि एक ऐसा कारण है जिसके चलते इस समय सोने की खरीदारी को लेकर लोगों का रुझान कम हो रहा है.



इस समय भारत में पितृ-पक्ष चल रहे हैं और ऐसे में हिंदू धर्म के लोग खरीदारी करना शुभ नहीं मानते हैं. सोने-चांदी की खरीदारी को लेकर तो लोग और सतर्क रहते हैं और मानते हैं कि इस समय इनकी खरीदारी नहीं करनी चाहिए. पितृ-पक्ष के बाद जब नवरात्रि के दिन आते हैं तो उस समय लोगों में खरीदारी का उत्साह देखा जाता है और फिर त्योहारों का जो सिलसिला चलता है इस दौरान लोग जमकर सोने-चांदी और गहनों-रत्नों की खरीदारी करते हैं.


सोने के दाम को लेकर इस समय जानकारों का कहना है कि डॉलर के दाम बढ़ रहे हैं और ऐसे में सोने के दाम में गिरावट आती है लेकिन इस समय स्थिति ऐसी नहीं है. आज सोने के दाम में फिर से तेजी देखी गई है और सोने की खरीदारी अपेक्षाकृत रूप से इस समय महंगी ही है.


आज के सोने के दाम
मजबूत वैश्विक रुख के मुताबिक दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने का भाव 130 रुपये की तेजी के साथ 38,690 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. शनिवार को 24 कैरेट सोने का भाव 38,560 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. चांदी की कीमत भी 900 रुपये की तेजी के साथ 47,990 रुपये प्रति किलो हो गयी. इसका पिछला बंद भाव 47,090 रुपये प्रति किलोग्राम था. अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना तेजी के साथ 1,518 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत भी तेजी के साथ 17.87 डॉलर प्रति औंस हो गयी है.


ज्वैलर्स का क्या है कहना
दिल्ली और आसपास के इलाकों जैसे मेरठ के ज्वैलर्स का कहना है कि इस समय सर्राफा बाजार में मंदी देखी जा रही है. आम तौर पर हर साल पितृ-पक्ष के दौरान गहनों की खरीदारी घट ही जाती है लेकिन इस समय तो स्थिति और भी खराब है. मेरठ के राज ज्वैलर्स ने बताया कि 2016 में केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी का असर अब इस समय देखा जा रहा है और मार्केट में खर्च करने के लिए लोगों के पास न पैसा है और इस समय उत्साह भी नहीं है.


देश में आर्थिक हालात जिस तरह के चल रहे हैं उसको देखते हुए भी बुलियन मार्केट पर असर देखा जा रहा है. सर्राफा बाजार की रौनक फिलहाल गायब है और ज्वैलर्स को उम्मीद है कि जैसे ही पितृ-पक्ष खत्म होंगे और फेस्टिव सीजन शुरू होगा लोग बाजार की ओर रुख करेंगे.