शादियों का सीजन है चालू, गहनों-कपड़ों से लेकर होटल, एविएशन जैसे सेक्टर्स को बूस्ट से शेयर बाजार उठाएगा फायदा
Wedding Season Trade: शादी के मौसम की शुरुआत के साथ ही ज्वैलरी से लेकर कपड़ों, होटल और एविएशन इंडस्ट्री सहित कई और बिजनेस में तेजी आने की संभावना है क्योंकि जमकर खरीदारी होगी.
Wedding Season Impact on Secoral Index: भारत में 23 नवंबर 2023 को देवोत्थान एकादशी का पर्व था और इस दिन से शादियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. 23 नवंबर से 15 दिसंबर के दौरान देश में वेडिंग सीजन रहेगा और इस दौरान करीब 38 लाख शादियां होने का अनुमान है. शादियों की शुरुआत के साथ ही गहनों, कपड़ों, होटल, एविएशन और इनसे जुड़ी और इंडस्ट्री के सेक्टर के कारोबार में तेजी आने की संभावना है.
शादी के सीजन से बाजार के इन सेक्टर्स को मिलने वाला है फायदा
त्योहारी मांग में जोरदार उछाल के कारण कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी जैसे सेक्टर्स ने बढ़त हासिल की. हालांकि, कमजोर ग्लोबल आंकड़ों के जवाब में आईटी सेक्टर ने कमजोर प्रदर्शन दिखाया है लेकिन कुछ सेक्टर्स के लिए अब शानदार बिजनेस के दिन आ गए हैं. कई ब्रोकिंग फर्म इस शादी के सीजन में होने वाले कारोबार से इंडस्ट्री के कई सेक्टर्स को फायदा मिलने की बात कह रही हैं. देश की दिग्गज मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज और जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक भी आने वाले समय में कई सेक्टर्स इस साल के वेडिंग सीजन में बंपर कारोबारी फायदा हासिल करेंगे और इस बूस्ट के जरिए सेक्टर्स की बढ़त का फायदा घरेलू शेयर बाजार को मिलेगा.
ब्रोकिंग फर्म ने बताया कैसा होगा शेयर बाजार पर असर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च चीफ सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "अगले हफ्ते हमें बाजार में कुछ तेजी लौटने की उम्मीद है क्योंकि इंवेस्टर अमेरिका, चीन और भारत के जीडीपी डेटा सहित विभिन्न आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखे हुए हैं." एनबीएफसी के जरिए अनसिक्योर्ड लोन देने की आरबीआई की जांच के बावजूद, बैंकिंग इंडेक्स ने इस हफ्ते लचीलापन दिखाया है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च चीफ विनोद नायर ने कहा कि इंडेक्स पूरे हफ्ते सकारात्मक रुख के साथ एक सीमित दायरे में रहे और इस हफ्ते भी पॉजिटिव रहने की उम्मीद है.
ग्लोबल बाजार से मिल रहे ये संकेत
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सतर्क रुख अपनाया और यूरोपीय और जर्मन बाजारों में नरम रुख का असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा. महंगाई दर में गिरावट और अमेरिका में नौकरी के हालिया कमजोर आंकड़ों के साथ-साथ अमेरिकी बॉन्ड पर ब्याज में कमी ने विदेशी फंडों को इमर्जिंग मार्केट्स की ओर आकर्षित किया है. व्यापक भारतीय बाजार में कुछ मुनाफावसूली हुई है. निवेशकों का ध्यान प्राइमरी मार्केट की ओर ट्रांसफर हो गया, जो हफ्ते के लिए निर्धारित आईपीओ के एक सेट की तरफ से आया है.
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