Jio Financial Services-BlackRock JV:  रिलायंस इंडस्ट्रीज की फिनटेक कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने देश के एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री में उतरने के लिए दिग्गज इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट फर्म ब्लैकरॉक के साथ करार किया है. जेएफएसएल ने ब्लैकरॉक के साथ मिलकर जियो ब्लैकरॉक नाम से ज्वाइंट वेंचर बनाने का निर्णय लिया है जिसमें दोनों ही कंपनी की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी. इस साझेदारी के जरिए कंपनी देश के करोड़ों निवेशकों के लिए टेक इनेबल्ड, अफोर्डेबल इवेस्टमेंट सोल्यूशंस लेकर आएगी. 


जियो ब्लैकरॉक की ये साझेदारी ब्लैकरॉक की गहरी विशेषज्ञता, इवेस्टमेंट मैनेजमेंट में टैलेंट, रिस्क मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी तक पहुंच, ऑपरेशन, स्केल, बाजारों में पूंजी के संचालन में बौद्धिकता लेकर आती है. जबकि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज स्थानीय बाजार की समझ, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता, अपने साथ लेकर आता है. जियो और ब्लैकरॉक दोनों ही शुरुआती दौर में अपनी अपनी ओर से 150 मिलियन डॉलर इस ज्वाइंट वेंचर में निवेश करेंगे. 


इस साझेदारी पर एपीएसी, ब्लैकरॉक के अध्यक्ष और प्रमुख राचेल लॉर्ड (Rachel Lord) ने कहा कि भारत में बहुत बड़ा अवसर बढ़ती समृद्धि, अनूकुल डेमोग्राफिक्स, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन बाजार को नया आकार दे रहा है. उन्होंने कहा कि जियो फाइनेंशियल के साथ भारत के एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री के साथ करार कर फाइनेंशियल फ्यूचर में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए हम उत्साहित हैं. 


जेएफएस के प्रेसीडेंट और सीईओ हितेश सेठिया ने कहा कि जेएफएस और ब्लैकरॉक के बीच ये एक रोमांचक साझेदारी है. उन्होंने कहा कि ब्लैकरॉक सबसे सम्मानित एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक है. इस साझेदारी से ब्लैकरॉक की गहरी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा. साथ ही निवेश और जोखिम प्रबंधन प्रोडक्ट्स की डिजिटल डिलीवरी को बढ़ावा देने के लिए जेएफएस की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा.  उन्होंने कहा कि जियो-ब्लैकरॉक रेग्यूलेटरी और वैधानिक मंजूरी मिलने के बाद ऑपरेशन को लॉन्च करेगी. कंपनी की अपनी मैनेजमेंट टीम होगी. 


आपको बता दें आज ही रिलायंस स्ट्रैटजिक इंवेस्टमेंट लिमिटेड का नाम बदलकर अब जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड किया गया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज से डिमर्जर के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड अलग हुई है. कंपनी बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल सेक्टर में कदम रखने जा रही है. 


ये भी पढ़ें 


RBI MPC Meeting: टमाटर, चावल, अरहर दाल की महंगाई ने तोड़ी कमर, अब नहीं मिलेगी महंगी EMI से भी राहत!