SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) मार्केट के लिए बड़ा फैसला लिया है. सेबी ने जियो (Jio) और ब्लैकरॉक (BlackRock) को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एंट्री की मंजूरी दे दी है. मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) की एंट्री से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है. म्युचुअल फंड के पास फिलहाल 66 लाख करोड़ रुपये के एसेट हैं. 


दोनों कंपनियों ने जुलाई, 2023 में एक-दूसरे से मिलाया था हाथ


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने शुक्रवार को एक्सचेंज फाइलिंग में कहा ब्लैकरॉक फाइनेंशियल मैनेजमेंट के साथ उनके ज्वॉइंट वेंचर से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एंट्री की सैद्धांतिक मंजूरी 3 अक्टूबर को मिल गई है. कंपनी के अनुसार, जियो और ब्लैकरॉक को अंतिम मंजूरी सभी जरूरी कागजात उपलब्ध कराने के बाद सेबी देगा. दोनों कंपनियों ने जुलाई, 2023 में एक-दूसरे से हाथ मिलाया था. साथ ही उन्होंने अक्टूबर, 2023 में सेबी के पास लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. दोनों कंपनियों ने ऐलान किया था कि वह करीब 30 करोड़ डॉलर एसेट मैनेजमेंट बिजनेस में लगाएंगे. दोनों कंपनियां 15-15 करोड़ डॉलर ज्वॉइंट वेंचर में लगाएंगी. 


सस्ते और टिकाऊ निवेश विकल्प उपलब्ध कराने की करेंगे कोशिश 


ब्लैकरॉक के इंटरनेशनल हेड रैचल लॉर्ड (Rachel Lord) ने कहा कि हम इस मंजूरी मिलने से खुश हैं. हम भारत के करोड़ों लोगों को सस्ते और टिकाऊ निवेश विकल्प उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करेंगे. हम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ मिलकर भारत को बचत करने वाले देश से निवेश करने वाले देश में बदलने की कोशिश करेंगे. हम भारत में नए तरीके के प्रोडक्ट पेश करेंगे. रैचल लॉर्ड ने कहा कि निवेश के जरिए हम अपने वित्तीय लक्ष्य को जल्दी हासिल कर सकते हैं. साथ ही पूंजी भी खड़ी कर सकते हैं. जियो और ब्लैकरॉक मिलकर वेल्थ मैनेजमेंट एवं स्टॉक ब्रोकिंग बिजनेस में मजबूती से काम करेंगे.


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज अगस्त, 2023 में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई 


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ग्राहकों को कई तरह की वित्तीय सेवाएं देती है. पहले यह कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की सब्सिडियरी थी. अगस्त, 2023 में इसे स्टॉक मार्केट में लिस्ट किया गया था. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की सब्सिडियरी जियो फाइनेंस (Jio Finance) के पास आरबीआई (RBI) से एनबीएफसी (NBFC) लाइसेंस है. इसकी एक और सब्सिडियरी जियो पेमेंट्स बैंक (Jio Payments Bank) है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को NBFC से कोर इनवेस्टमेंट कंपनी (CIC) में बदलने के लिए आरबीआई से मंजूरी मिल गई है. 


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