रिलायंस रिटेल अब अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव ला रही है. कंपनी अब अपने जियो मार्ट प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को पैकेज्ड फूड, ग्रॉसरी और एफएमसीजी प्रोडक्ट नहीं बेचेगी. इसके बजाय यह कंज्यूमर की पड़ोस की किराना दुकान से गठजोड़ करेगी और वहीं से आपके घर में सामान भिजवाएगी. ये दुकानें रिलायंस रिटेल की फ्रैंचाइजी पार्टनर होंगी.

बिग बास्केट, अमेजन और ग्रोफर  से अलग स्ट्रेटजी

रिलायंस की यह स्ट्रेटजी बिग बास्केट, अमेजन और ग्रोफर जैसी बड़ी ई-ग्रॉसरी कंपनियों से अलग होगी . रिलायंस रिटेल की इस स्ट्रेटजी में किराना दुकान रिलायंस या दूसरे स्टोर से सामान लेकर कंज्यूमर को सप्लाई करेंगे. अगर कंज्यूमर ऐसे किसी सामान का आर्डर करता है जो किराना स्टोर के पास नहीं है तो ऐसी स्थिति मे रिलायंस रिटेल उन्हें सामान की सप्लाई करेगी और मार्जिन दोनों में बराबर बंटेगा. हालांकि रिलायंस अपने स्टोर और फुलफिलमेंट स्टोर से फल और सब्जी जैसी दूसरी जल्दी खराब होने वाली चीजें सप्लाई करती रहेगी.

बिजनेस टु बिजनेस कैश एंड कैरी स्टोर फॉरमेट बंद होगा

रिलायंस ने अपने बिजनेस टु बिजनेस कैश एंड कैरी स्टोर फॉरमेट को फिलहाल बंद करने की योजना बनाई है. रिलायंस मार्केट किराना को बिजनेस टु बिजनेस डिलीवरी के लिए फुलफिलमेंट सेंटर के तौर पर काम करेगी. किराना दुकान इस पर अपना ऑनलाइन ऑर्डर बुक करेंगे. ऑर्डर उनकी दुकानों पर डिलीवर हो जाएंगे. जियो मार्ट अपने नए मॉडल के तहत किराना की ओर से कंज्यूमर को सामान डिलीवर करने की शुरुआत जून तिमाही में शुरू करेगी. पहले यह योजना 30 शहरों में शुरू होगी. इसके तहत 56 हजार किराना दुकानों ने साइन-इन किया है.

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