लॉकडाउन के बाद बढ़ी आर्थिक गतिविधियों ने बेरोजगारी दर घटाई है. ताजा आंकड़ों से ऐसा लग रहा है कि बेरोजगारी का सबसे बुरा दौर खत्म हो चुका है. सेंटर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी CMIE के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर में कमी आई है. यह घट कर लॉकडाउन से पहले के आंकड़ों से थोड़ा ज्यादा पर जाकर टिक सकती है.


CMIE ने कहा, बेरोजगारी दर में आएगी कमी 


लॉकडाउन से पहले फरवरी में बेरोजगारी दर 7.76 फीसदी पर थी. CMIE के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 28 जून को खत्म हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर इससे थोड़ा सा बढ़ कर 8.6 फीसदी  पर आकर टिक गई. इस दौरान इसमें सिर्फ 0.1 फीसदी का इजाफा हुआ. वहीं तीन जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बेरोजगारी दर में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 8.9 फीसदी पर पहुंच गई. मई, 2020 में यह बढ़ कर 23.5 पर पहुंच गई थी. लेकिन जून में घट कर 11 फीसदी पर आ गई. CMIE ने कहा कि इन आंकड़ों से ऐसा लगता है कि बेरोजगारी का सबसे खराब दौर गुजर गया है और हम बेरोजगारी के दर के मामले में प्री-लॉकडाउन से पहले के दौर से थोड़ा ऊपर जाकर रुक सकते हैं.


बेहतर हुए हैं रोजगार के आंकड़े 


इस बीच रोजगार के आंकड़ों में सुधार दिखा है. पांच जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान रोजगार दर 36.9 फीसदी थी. जून 2020 में यह दर 35.9 फीसदी थी. CMIE का कहना है कि जून की तुलना में जुलाई के पहले सप्ताह मे रोजगार का अनुपात अच्छा रहा है. जुलाई के आने वाले सप्ताह के दौरान रोजगार में और इजाफा हो सकता है. लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि रोजगार में इतना इजाफा हो कि अनुपात नीचे न जाए.  हालांकि मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ताजा आंकड़ों से ऐसा लगता है कि अभी रोजगार दर में तेजी से इजाफा नहीं होगा.