भारतीय ज्वेलरी कंपनी जोयालुक्कास इंडिया लिमिटेड (Joyalukkas India Ltd) ने अपना प्रस्तावित आईपीओ वापस ले लिया है. कंपनी ने पब्लिक इश्यू के जरिए शेयर बाजार से फंड जुटाने के लिए पिछले साल सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर (DRHP) फाइल किया था. हालांकि अब कंपनी ने पेपर को वापस ले लिया है.
रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, जोयालुक्कास इंडिया लिमिटेड ने आईपीओ को वापस लेने का फैसला किया है. कंपनी प्रस्तावित आईपीओ के जरिए 2,300 करोड़ रुपये जुटाने वाली थी. रॉयटर्स ने बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की वेबसाइट के हवाले से ये खबर दी है. कंपनी ने पिछले साल सेबी के पास आईपीओ का डीआरएचपी फाइल किया था.
ज्वेलरी कंपनी ने मार्च 2022 में ड्राफ्ट पेपर में बताया था कि उसकी योजना आईपीओ से प्राप्त रकम का इस्तेमाल कुछ कर्जों को चुकाने और नये स्टोर खोलने में करने की है. कंपनी ने आईपीओ के लिए एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Edelweiss Financial Services Ltd), हायतोंग सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड (Haitong Securities India Pvt), मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड (Motilal Oswal Investment Advisors Ltd) और एसबीआई कैनिटल मार्केट्स लिमिटेड (SBI Capital Markets Ltd) को लीड मैनेजर्स बनाया था.
केरल बेस्ड इस ज्वेलरी कंपनी ने सबसे पहले साल 2018 में आईपीओ की योजना को सामने रखा था. हालांकि तब कुछ कारणों से आईपीओ नहीं आ पाया था. इसके बाद कंपनी ने पिछले साल नए सिरे से आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल किया. हालांकि पिछला साल शेयर बाजार और आईपीओ बाजार के लिए ठीक नहीं रहा. शेयर बाजार ने लगातार गिरावट का सामना किया और कई हालिया लिस्टेड शेयरों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. खासकर नए जमाने की टेक कंपनियों के शेयरों ने तो इन्वेस्टर्स को तगड़ा नुकसान कराया. इस कारण कई कंपनियों ने अपने प्रस्तावित आईपीओ को टाल दिया.
भारत में सोना लोगों की पारंपरिक पसंद रहा है. यहां लोग महज गहनों के तौर पर ही नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट के लिहाज से भी सोना खरीदते हैं. इसी कारण भारत में लोगों के पास दुनिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार जमा है. ऐसे बाजार में जोयालुक्कास कंपनी उन बाजारों में काम करती है, जहां छोटे सुनारों और टाटा समूह की तनिष्क (Tanishq) व वारबर्ग पिनकस एलएलसी (Warburg Pincus LLC) से समर्थन प्राप्त कल्याण ज्वेलर्स आदि का दबदबा है.