जेपी मॉर्गन को पूर्व कर्मचारी को देना पड़ा 292 करोड़ रुपये का मुआवजा, जानें वजह
JP Morgan: जेपी मॉगर्न को एक छोटी सी गलती बेहद भारी पड़ी है और अब कंपनी को अपने पूर्व कर्मचारी को मुआवजे के रूप में 292 करोड़ रुपये देने पड़े हैं.
JP Morgan ex Employees gets 292 Compensation: दुनिया की दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी जेपी मॉर्गन को एक छोटी सी लापरवाही के कारण 35 मिलियन डॉलर का मुआवजा यानी लगभग 292 करोड़ रुपये चुकाने पड़े हैं. कंपनी को यह पेनाल्टी एक आठ साल पुराने मामले में देनी पड़ी है. मामला न्यूयॉर्क शहर का है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में जेपी मॉर्गन की पूर्व कर्मचारी के ऊपर दरवाजा खोलते वक्त एक इमारत का दरवाजा टूट गया. इस कारण महिला के सिर में गंभीर चोटें आई और उसका परमानेंट ब्रेन डैमेज हो गया था. अब 8 साल के बाद इस मामले में कंपनी को महिला को हुए नुकसान के बदले जेपी मॉर्गन कंपनी ने कुल 292 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है.
घटना का वीडियो हुआ वायरल
यह पूरी घटना कंपनी के इमारत में लगे सीसीटीवी में दर्ज हो गई थी जिसका फुटेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जेपी मॉर्गन में विश्लेषक के पद पर काम करने वाली महिला मेघन ब्राउन को फुटेज में साफ देखा जा सकता है. एक कर्मचारी ऑफिस का दरवाजा खोलने की कोशिश करता है तभी कांच टूट जाता है. दूसरी तरफ खड़ी मेघन ब्राउन के सिर में चोट लग जाती है. इसके बाद ऑफिस के कई कर्मचारी उनकी मदद करने के लिए दौड़ते हैं.
घटना का महिला के जीवन पर पड़ा बुरा असर
कांच टूटने की इस घटना का महिला के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ा. उनके सिर में गंभीर चोटें आई, जिसके बाद वह पूरे एक साल तक काम नहीं कर सकी. इसके साथ ही इस चोट का असर उनकी आम जिंदगी के कामकाज पर भी पड़ा. एक साल के बाद जब उन्होंने अपने ऑफिस को ज्वाइन किया, लेकिन इस चोट का असर उनकी प्रोफेशनल जिंदगी पर भी पड़ा. कंपनी ने मेघन को साल 2021 में नौकरी से निकाल दिया. सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो इस समय देखे जा रहे हैं और लोग इन पर रिएक्शन दे रहे हैं.
कंपनी ने 2021 में नौकरी से निकाला
इसके बाद महिला ने मैनहटन के सुप्रीम कोर्ट में कंपनी के खिलाफ केस दायर किया. मेघन ने कोर्ट में घटना के बारे में याद करते हुए बताया कि जिस समय उन्हें चोट लगी थी उन्हें केवल कांच ही कांच दिखाई दे रहा था. महिला ने कोर्ट को बताया कि चोट का असर उनकी जिंदगी पर बहुत ज्यादा पड़ा. उन्हें अपने रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगी. इसके साथ ही उससे उनकी याददाश्त भी खराब हो गई.
काम पर लौटने के बाद उनकी प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा, जिसके बाद उन्हें कंपनी ने साल 2021 में नौकरी से निकाल दिया. अब मैनहटन के सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन हफ्ते चले ट्रायल के बाद कंपनी को महिला को हुए नुकसान के बदले 35 मिलियन डॉलर यानी 292 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
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