First Republic Bank: जेपी मॉर्गन चेज (JPMorgan Chase) संकट में फंसी फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) का अधिग्रहण करेगी. एक बयान जारी कर ये जानकारी दी गई है. कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशिल प्रोटेक्शन एंड इंनोवेशन (California Department of Financial Protection and Innovation) ने अपने बयान में कहा है कि जेपी मॉर्गन फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के सभी डिपॉजिट्स जिसमें बगैर अनइंश्योर्ड डिपॉजिट्स के साथ सभी एसेट्स का अधिग्रहण करेगी.
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक एक रीजनल बैंक है. कैलिफॉर्निया के रेग्युलेटर ने अमेरिकी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को बैंक के रिसिवर के तौर पर नियुक्त किया था. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशिल प्रोटेक्शन एंड इंनोवेशन ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि एफडीआईसी द्वारा लागू सीमा के अधीन जमा रकम का बीमा किया जाता है. रेग्युलेटर्स को जब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को बचाने के संभावना नहीं नजर आ रही थी क्योंकि प्राइवेट सेक्टर के सपोर्ट के बाद भी कोई डील नहीं हो पा रही थी तो उन्होंने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को जेपी मॉर्गन चेज को सौंपने पर अपनी मुहर लगा दी.
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में दूसरे बैंक संकट के कारण और ज्यादा निवेश को तैयार नहीं थे. लेकिन ये लोग बैंक की नीलामी किए जाने पर ऑफर करने को जरुरत उत्सुक नजर आ रहे थे. मार्च महीने में 11 बैंकों ने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में 30 बिलियन डॉलर डिपॉजिट कर संकट से बाहर निकालने की कोशिश की थी. जिसमें जेपी मॉर्गन चेज, सिटीग्रुप, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फर्गो, गोल्मैन सैक्स और मॉर्गन स्टैनली शामिल है.
इस अधिग्रहण के बाद जेपी मॉर्गन अमेरिका की सबसे बड़ी बैंकों में शामिल हो जाएगी. 13 अप्रैल 2023 तक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पास कुल 229.1 बिलियन डॉलर का एसेट है और बैंक में कुल 103.9 बिलियन डॉलर का डिपॉजिट है. पीएनसी फाइनैंशियल सर्विसेज ग्रुप, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी के अलावा सिटीजन फाइनैंशियल ग्रुप उन बैंकों में शामिल थे जिन्होंने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के लिए आखिरी बोली लगाई थी.
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