JSW Steel Odisha Plant: जेएसडब्ल्यू स्टील को मिली मंजूरी, ओडिशा में लगाने जा रही है हजारों एकड़ में नया प्लांट
JSW Utkal Steel Rajnagar Plant: पहले यहां कोरियाई कंपनी पोस्को का प्लांट लगने वाला था, लेकिन बाद में उसने प्रोजेक्ट से अलग होने का फैसला कर लिया. अब जेएसडब्ल्यू स्टील प्लांट लगा रही है...
ओडिशा में जेएसडब्ल्यू स्टील के प्लांट के रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं. कंपनी को जरूरी मंजूरियों के बाद जमीन का कब्जा भी मिल गया है. अब जल्दी ही कंपनी का हजारों एकड़ का यह स्टील प्लांट बनकर तैयार होगा. कंपनी ने इसकी जानकारी दी है.
जेएसडब्ल्यू स्टील ने एक दिन पहले इस बारे में शेयर बाजारों को सूचित किया. उसने कहा कि उसकी सब्सिडियरी जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील लिमिटेड को ग्रीनफील्ड इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट लगाने के लिए ओडिशा के राजनगर में 2,677.80 एकड़ फॉरेस्ट लैंड का कब्जा मिल गया है. कंपनी को इसके लिए 2022 में पर्यावरण संबंधी मंजूरियां मिल गई थीं, जिन्हें 2023 में फिर से वैलिडेट किया गया था. कंपनी 272.51 एकड़ नॉन-फॉरेस्ट लैंड को भी लीज पर ले चुकी है.
इतने एकड़ में बन रही परियोजना
कंपनी ने बताया कि उसकी सब्सिडियरी को 13.2 मिलियन टन सालाना क्रूड स्टील की क्षमता वाला प्लांट लगाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से 2022 में मंजूरियां मिल गई थीं. मंत्रालय के द्वारा अतिरिक्त व संशोधित पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के साथ उन्हें सितंबर 2023 में फिर से वैलिडेट किया गया था. प्रोजेक्ट के लिए टोटल 2,950.31 एकड़ जमीन की जरूरत थी.
कंपनी को मिल गया जमीन का कब्जा
कंपनी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने उसमें से 272.51 एकड़ नॉन-फॉरेस्ट लैंड की लीज पहले ही जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील लिमिटेड के फेवर में दे दी थी. अब उसे 2,677.80 एकड़ फॉरेस्ट लैंड का भी कब्जा मिल गया है. इस तरह से ओडिशा में जेएसडब्ल्यू स्टील के प्रस्तावित ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट के रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो गई हैं.
कंपनी को इतने खर्च का अनुमान
जेएसडब्ल्यू स्टील ने पिछले साल कहा था कि जमीन एक बार हैंड ओवर किए जाने के बाद चरणबद्ध तरीके से काम की शुरुआत करेगी. इस इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट पर कंपनी को कुल 65 हजार करोड़ रुपये के आस-पास खर्च आने का अनुमान है. जेएसडब्ल्यू स्टील के इस इंटीग्रेटेड प्लांट में सीमेंट व पावर प्लांट भी होंगे.
पोस्को को हटना पड़ा था पीछे
ओडियाा के राजनगर में पहले कोरियाई कंपनी पोस्को का प्लांट लगने वाला था. हालांकि उसे जमीन अधिग्रहण में स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. आवश्यक मंजूरियां मिलने में भी देरी हो रही थी. अंतत: पोस्को ने प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींच लिया था. पोस्को की योजना 12 मिलियन टन सालाना क्षमता वाला प्लांट लगाने की थी. यह प्लांट ओडिशा के पारादीप पोर्ट के नजदीक है.
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