हाइपर लोकल ग्रॉसरी डिलीवरी स्टार्ट-अप मिल्क बास्केट में वेंचर इनवेस्टर कलारी की ओर से पूरी हिस्सेदारी बेचने का मामले ने कानूनी विवाद का रूप ले लिया है. कलारी ने मिल्क बास्केट में अपनी पूरी हिस्सेदारी महेंद्र नाहटा की कंपनी एमएन टेलीवेंचर को बेच दी है. वाणी कोला की अगुआई वाली कलारी की ओर से हिस्सेदारी बेचने का मिल्क बास्केट बोर्ड ने विरोध किया है. इससे मिल्क बास्केट को नया निवेशक या बायर तलाशने में दिक्कत आएगी.
मिल्क बास्केट रिलायंस को हिस्सेदारी बेचना चाहती थी
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि कलारी की ओर से मिल्क बास्केट में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने से कंपनी की वैल्यूएशन पूरी तरह खत्म हो गई है. कलारी ने नाहटा की कंपनी एमएन टेलीवेंचर्स को हिस्सेदारी बेची है. नाहटा हिमाचल फ्यूचरिस्टक कम्यूनिकेशन के एमडी हैं. नाहटा, रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े हैं. दरअसल मिल्क बास्केट चाहती थी कि रिलायंस या बिग बास्केट इसे खरीद ले लेकिन स्टार्ट-अप की ओर मांगी जा रही कीमत नहीं मिल रही थी.
घटी कीमतों पर रिलायंस के हाथों बिक सकती है मिल्क बास्केट
कलारी की मिल्क बास्केट में 15.26 फीसदी हिस्सेदारी थी. इस हिस्सेदारी को बेचने के बाद मिल्क बास्केट ने शेयर ट्रांसफर का विरोध किया. इसके विरोध में एमएन टेलीवेंचर्स कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में पहुंच गई. इस मामले में अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी. कुछ खबरों के मुताबिक मिल्क बास्केट एक बार फिर रिलायंस के सामने इसे बेचने की पेशकश कर सकती है. अगर रिलायंस ने इसे खरीद लिया तो अमेजन और फ्लिपकार्ट से टक्कर देने के लिए वह एक और अधिग्रहण को अंजाम दे देगी.
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