शराब भले ही पीने वालों की सेहत के लिए ठीक नहीं हो, लेकिन सरकारी खजाने की सेहत का यह खूब ख्याल रखती है. इससे मिलने वाले शुल्क से सभी सरकारों को मोटी कमाई होती है और यह उनके लिए रेवेन्यू के सबसे प्रमुख स्रोतों में एक साबित होती है. यही कारण है कि कर्नाटक सरकार ने यहां से और पैसे जुटाने का इरादा बना लिया है.
बजट में किया गया ये प्रस्ताव
कर्नाटक की नई सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को नया बजट पेश किया. उन्होंने बजट पेश करते हुए भारत निर्मित अंग्रेजी शराब यानी आईएमएफएल पर एक्साइज ड्यूटी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा. यह बढ़ोतरी का प्रस्ताव आईएमएफएल के सभी 18 स्लैब के लिए है. इसका मतलब हुआ कि आने वाले दिनों में कर्नाटक के शराब के शौकीनों को अपना शौक पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.
महंगा हो जाएगा बीयर पीना
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रस्तावित बदलावों के तहत बीयर पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाकर 185 फीसदी करने का सुझाव दिया. अभी कर्नाटक में बीयर पर 175 फीसदी की दर से एक्साइज ड्यूटी लागू है. सिद्धरमैया का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी में ताजी बढ़ोतरी के बाद भी कर्नाटक में शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम ही रहने वाली हैं.
इतना रेवेन्यू जुटाने का टारगेट
वहीं इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार का खजाना खूब भरने वाला है. ताजे बजट में एक्साइज डिपार्टमेंट के लिए रेवेन्यू कलेक्शन के टारगेट को बढ़ाया गया है. प्रस्ताव के हिसाब से एक्साइज डिपार्टमेंट को 2023-24 में 36 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू कलेक्ट करना है.
टूट गए शराब कंपनियों के शेयर
कर्नाटक शराब कंपनियों के लिए प्रमुख बाजारों में एक है. खासकर बीयर कंपनियों के लिए कर्नाटक बड़ा बाजार है और कुल खपत में 15 फीसदी तक का योगदान देता है. ऐसे में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव से शराब कंपनियों के शेयर टूट गए. शुक्रवार के कारोबार में इन शेयरों में साढ़े 4 फीसदी तककी गिरावट आई. सबसे ज्यादा 4.38 फीसदी की गिरावट सोम डिस्टिलर्स के शेयरों में आई. इसी तरह यूनाइटेड ब्रेवरीज में 2.13 फीसदी, यूनाइटेड स्पिरिट्स में 2.21 फीसदी और रेडिको खेतान में 2.58 फीसदी की गिरावट आई.
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