Xiaomi Technology India: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka HighCourt) से आज चीन की कंपनी शाओमी (Xiaomi) को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आयकर विभाग (Income Tax Department) बेंगलुरू के उपायुक्त के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें विभाग ने कंपनी की 3,700 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपाजिट (FD) को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था. हालांकि कोर्ट ने कंपनी पर भुगतान को लेकर कुछ शर्तें लगाई हैं.
अनुमान के आधार पर कोई फैसला नहीं
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आयकर विभाग बेंगलुरू के उपायुक्त के फैसले को गलत बताया है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अनुमान के आधार पर ऐसे फैसले सही नहीं हैं. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आदेश में इस बात को लेकर कोई वजह नहीं दी गई कि इस संपत्ति पर रोक क्यों लगाई जा रही है.
न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार ने 16 दिसंबर के अपने फैसले में आयकर उपायुक्त के जब्ती आदेश को रद्द कर दिया है. आयकर उपायुक्त ने 11 अगस्त, 2022 को जब्ती का आदेश जारी किया था.
जानिए कोर्ट ने क्या कहा
इस पूरे मामले पर कोर्ट ने कहा कि एसेसमेंट पूरा होने तक शाओमी भारत के बाहर स्थित किसी भी कंपनी या संस्था को रॉयल्टी के रूप में या किसी अन्य रूप में इस सावधि जमा खातों से भुगतान नहीं कर सकेगी. शाओमी सावधि जमा खातों (FD) से ओवरड्रॉफ्ट लेने और भारत के बाहर स्थित कंपनियों या संस्थाओं को ओवरड्रॉफ्ट सुविधा से भुगतान करने के लिए स्वतंत्र है.
कोर्ट ने आयकर विभाग को आकलन वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए याचिकाकर्ता की मसौदा मूल्यांकन कार्यवाही को 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले पूरा करने का निर्देश दिया है. आयकर विभाग ने इस आधार पर जब्ती का आदेश पारित किया था कि चीनी कंपनी भारत में कर भुगतान से बचने के लिए रॉयल्टी देने की आड़ में विदेश में अपनी कमाई भेज रही थी.
भारत में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि अटैचमैंट और इसके इस्तेमाल के उद्देश्यों के बीच सीधा संबंध होना चाहिए. सिर्फ ये सोचना कि असेसमेंट पूरा होने पर टैक्स की बड़ी डिमांड सामने आ सकती है, अटैचमेंट के प्रोविजनल ऑर्डर जारी करने का आधार नहीं बन सकता.
टैक्स चोरी का लगा आरोप
इससे पहले फेमा प्राधिकरण ने सितंबर में ही चीनी मोबाइल फोन विनिर्माता शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये जब्त किए जाने के आदेश को स्वीकृति दे दी. यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है. कंपनी पर आरोप है कि उसने देश में टैक्स चोरी के लिए अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से खरीदे गए उपकरणों की गलत कीमत दिखाई जिससे उसने ऊंची लागत दिखा कर टैक्स बचाया. वहीं उसपर देश से बाहर बड़ी रकम भेजने का भी आरोप है.
ये भी पढ़ें- PM Modi News: पीएम मोदी से मिले एयरबस के CEO, भारत में निवेश को बढ़ाने के दिए संकेत