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Joint Home Loan: संयुक्त होम लोन लेने से पहले जान लें इसके लाभ और नुकसान, फायदे में रहेंगे
Joint Home Loan: अगर कोई व्यक्ति लोन की पूरी रकम का रिपेमेंट करने में सक्षम नहीं है तो वह ज्वाइंट होम लोन ले सकता है. अक्सर लोग अपने जीवनसाथी या भाई-बहन के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं.
Joint Home Loan: घर खरीदने के लिए अगर आप होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं तो ज्वाइंट होम लोन का ऑप्शन चुन सकते हैं. आप जब किसी दूसरे के साथ मिलकर होम लोन लेते हैं तो उसे ज्वाइंट होम लोन कहा जाता है. अक्सर लोग अपने जीवनसाथी या भाई-बहन के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं. अगर कोई व्यक्ति अपने आप में लोन की पूरी रकम का रिपेमेंट करने में सक्षम नहीं है तो वह ज्वाइंट होम लोन ले सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि ज्वाइंट होम लोन के क्या फायदे और नुकसान हैं. साथ ही इसका आवेदन करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ज्वाइंट होम लोन के फायदे
- अगर आपके साथी का क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आपकी संयुक्त आय ईएमआई कवर करने के लिए काफी है तो आपको अधिक होम लोन मिल भी सकता है.
- ज्वाइंट होम लोन के मामले में दोनों लोग सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकते हैं. इसके लिए शर्त है कि दोनों का को-ऑनर होना जरूरी है.
- दोनों ब्याज पर 2 लाख रुपये और मूलधन पर 5 लाख रुपये का फायदा ले सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- आपके को-एप्लीकेंट का क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए नहीं तो आपके आवेदन को रद्द किया जा सकता है.
- प्राइमरी और को-एप्लीकेंट दोनों के भुगतान करने की क्षमता अच्छी होने पर ही कर्जदाता जॉइंट होम लोन को मंजूरी देते हैं.
- कई बार कर्जदाता आपके आवेदन को सीधे अस्वीकार नहीं करता बल्कि आपको ज्यादा ब्याज दर पर लोन दे देता है. आपका और को-एप्लीकेंट का कर्ज और आय का अनुपात 50 से 60 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.
महिला को-एप्लीकेंट
- महिला होम लोन बायर के लिए बहुत से कर्जदाता होम लोन की ब्याज दर कम रखते हैं.
- यह दर, सामान्य होम लोन रेट से लगभग 05 फीसदी (5 बेसिस प्वॉइंट्स) कम होती है.
- अगर होम लोन में महिला को-एप्लीकेंट है तो कम ब्याज दर का फायदा तभी मिलेगा जब महिला ज्वाइंट होम लोन में पहली आवेदनकर्ता हो. या महिला को प्रॉपर्टी का खुद या संयुक्त तौर पर मालिक होना चाहिए.
ज्वाइंट होम लोन के नुकसान
- अगर आपका को-एप्लीकेंट ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाता है तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा.
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि तलाक के बाद, अगर पति या पत्नी में से एक ईएमआई का भुगतान करना बंद कर देता है, तो इसे चुकाने का बोझ दूसरे एप्लीकेंट पर पड़ता है. ध्यान दें कि एप्लीकेंट पूरी संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त किए बिना EMI का भुगतान करेगा. साथ ही, लोन चुकाने में असमर्थता दोनों बॉरोअर्स के लिए कानूनी समस्याएं पैदा कर सकती है. इसलिए, हमेशा जॉइंट होम लोन लेने से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह लेने का सुझाव दिया जाता है. इसी तरह, अगर पति या पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो लोन चुकाने की पूरी जिम्मेदारी दूसरे के ऊपर आ जाती है.
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