Home Buying Tips: नया घर खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो आगे हो सकती है परेशानी
घर खरीदने से पहले कुछ जरूरी बातों पर विचार करना बहुत जरूरी है. जल्दबाजी में बिल्कुल भी प्रॉपर्टी खरीदने का निर्णय नहीं लेना चाहिए.
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Home Buying Tips: घर खरीदना जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला होता है. इसे बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए. घर खरीदने से पहले कुछ जरूरी बिंदुओं पर विचार करना बहुत जरूरी है. जल्दबाजी में बिल्कुल भी प्रॉपर्टी खरीदने का निर्णय नहीं लेना चाहिए. अपनी जरुरत, आर्थिक स्थिति, भविष्य की योजना आदि सभी बातों को ध्यान में रखते हैं हुए घर खरीदने का फैसला लें. आज हम कुछ जरूरी बातों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन पर आपको घर लेने से पहले विचार करना चाहिए.
घर में कितने साल रहना है?
घर खरीदते समय इस सवाल खुद से जरुर पूछना चाहिए कि इसमें आप कितने साल तक रह सकते हैं. मान लीजिए आप करियर के शुरू में कोई घर खरीद लेते हैं और कुछ समय बाद आपको दूसरी जगह पर नौकरी करनी पड़ जाए. इसलिए घर आप तभी खरीदें जब ये तय कर लें कि इस जगह पर आपको 10-15 साल रहेंगे.
अपना मकान या किराए का मकान?
इस बात पर सोचना चाहिए कि आपके लिए किराये का मकान सही रहेगा या अपना मकान. यह विश्लेषण करना चाहिए कि इनमें से आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा. शहरों में प्रॉपर्टी बहुत महंगी है यहां किराये पर रहना बेहतर विकल्प है.
ईएमआई
EMI घर की आमदनी के 40 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही आप पर दूसरा कोई लोन नहीं होना चाहिए. EMI अगर कुल आमदनी का 50 फीसदी से अधिक है तो अन्य लक्ष्यों के साथ समझौता करना पड़ेगा.
अन्य खर्चे
घर के साथ ऐसे कई खर्च जुड़े होते हैं जिसका अंदाजा आपको पहले से नहीं होता है. विज्ञापन में दिखाई गई कीमत सिर्फ बेस प्राइस होता है. बिल्डर ऐसी सुविधाओं के लिए पैसे लें सकते हैं जिन्हें आप फ्री मानकर चल रहे हों. कानूनी लिखा-पढ़ी से जुड़ी भी फीस होती है. स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज अन्य खर्चे हैं.
इमरर्जेंसी फंड?
घर खरीदने का फैसला तभी करें जब आप इस बात का इंतजाम कर लें कि आपको निकट भविष्य में पैसों की जरुरत नहीं पड़ने वाली है. इसके लिए आपको एक इमरजेंसी फंड बना लेना चाहिए.
अगर आमदनी रुक जाए?
हालात हमेशा एक से नहीं रहते हैं. इसलिए भविष्य के खर्चों और परिवार की जरुरतों को कवर करने के अलावा सभी बकाया लोन के बराबर इंश्योरेंस खरीदें.
अगर घर का पजेशन मिलने में देरी हो?
घर का पजेशन देने में अगर बिल्डर देरी कर दे तो खरीदार को दोहरी मार पड़ती है. उन्हें किराये के साथ ईएमआई भी देना पड़ता है. समय पर पजेशन नहीं मिलने से आप होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को भी गंवा सकते हैं.
क्या लोन के ब्याज के मुकाबले प्रॉपर्टी की वैल्यू ज्यादा बढ़ेगी?
अगर आप कर्ज से निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो इस बात की समीक्षा करें कि क्या लोन के ब्याज के मुकाबले प्रॉपर्टी के दाम ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे.
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