अनाज या किसी भी जरूरी सेवा के लिए आधार पास में होना अनिवार्य नहीं
प्रसाद ने ये भी साफ किया कि अगर किसी राशन की दुकान पर बुजुर्ग या मेहनतकश पहुंचे, लेकिन ऊंगलियां घिस जाने की वजह से बायमेट्रिक पहचान साबित नही हो पाता है तो राशन दुकानदार उन्हें अनाज देने से मना नहीं कर सकता.

नई दिल्लीः सरकार ने साफ किया है कि आधार पास में नहीं होने की सूरत में किसी को भी अनाज या अनिवार्य सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता. सरकार का ये रुख ऐसे समय में आया जब हरियाणा में आधार कार्ड पास में नही होने की वजह से एक गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सेवा देने से मना कर दिया. बाद में उस महिला ने बाहर बच्चे को जन्म दिया.
राज्यों के सूचना तकनीक मंत्रियों औऱ सचिवों के साथ बैठक के अंत में केंद्रीय कानून व सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर किसी के पास आधार कार्ड मौजूद नहीं है तो वो वो कोई भी वैकल्पिक पहचान के जरिए अनिवार्य सेवाओं का फायदा उठा सकता है. प्रसाद ने ये भी साफ किया कि अगर किसी राशन की दुकान पर बुजुर्ग या मेहनतकश पहुंचे, लेकिन ऊंगलियां घिस जाने की वजह से बायमेट्रिक पहचान साबित नही हो पाता है तो राशन दुकानदार उन्हे अनाज देने से मना नहीं कर सकता. बस अलग से रजिस्टर में उसका आधार नंबर नोट कर लेना होगा.
सूचना तकनीक मंत्री ने ये भी ऐलान किया कि चेहरे के जरिए आधार सत्यापन की व्यवस्था पहली जुलाई से शुरु होगी. दरअसल, 12 अंकों वाले आधार नंबर को हासिल करने के लिए लोगों को अपनी ऊंगली की छाप यानी फिंगर प्रिंट और पुतलियों के रंग यानी आयरिश दर्ज कराने होते है. आम तौर पर जहां कहीं भी आधार के जरिए पहचान साबित करनी होती है, वहां ऊंगलियों के निशान देने होते है. अब परेशानी ये है कि कडी मेहनत-मशक्कत करने वाले लोगों के ऊंगलियों के निशान खराब हो जाते है. कुछ यही स्थिति बुजुर्गों के साथ भी होती है. ऐसी ही लोगों की मदद के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने चेहरे का विकल्प मुहैया कराने का फैसला किया है.
गौर करने की बात ये है कि अकेले चेहरे से पहचान सत्यापित करने का काम पूरा नहीं होगा. यहां पर चेहरे के साथ मौजूदा तीन माध्यमों से किसी एक का साथ लेना होगा. मतलब ये कि जब आप चेहरा दिखाएंगे तो उसके साथ या तो ऊंगलियों के निशान, आइरिश या फिर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का भी इस्तेमाल होगा. इसके बाद ही सत्यापन का काम पूरा हो सकेगा. चेहरे के जरिए सत्यापन के लिए प्राधिकरण मौजूदा उपकरणों में बदलाव करने में मदद करेगा. साथ ही सिर्फ चेहरे की पहचान के लिए विशेष उपकरण अलग से भी मुहैया कराए जाएंगे. आधार से सत्यापन में चेहरे के इस्तेमाल के लिए प्राधिकरण तकनीकी ब्यौरा पहली मार्च से मुहैया कराना शुरु करेगा. इसके बाद आप अपना चेहरा दर्ज करा सकते हैं.
वैसे तो अभी तक देश भर में आधार नंबर 117 करोड़ लोगों को जारी किया जा चुका है, लेकिन अभी भी 14 करोड़ लोग इसके दायरे से बाहर हैं. ये लोग मुख्य रूप से पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के हैं. साथ ही पांच वर्ष से कम उम्र के काफी बच्चे आधार के दायरे में नहीं आ सके हैं. ध्यान रहे कि आधार का इस्तेमाल पहचान साबित करने के लिए होता है, लेकिन इसे नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता. आधार के आधार पर लोगों को रसोई गैस पर सब्सिडी और विभिन्न योजनाओं में सरकारी मदद दी जाती है. सरकार दावा है कि आधार का इस्तेमाल कर शुरु की गयी प्रत्यक्ष हस्तांतरण योजना यानी डीबीटी में अब तक करीब 50 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है.
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