Khadi: पिछले वित्त वर्ष में 400 फीसदी बढ़ी खादी-ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री, खादी का प्रोडक्शन-सेल नई ऊंचाइयों पर
Khadi Sale: खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है जिससे केवीआईसी ने नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले 10 सालों में उत्पादन में 315 फीसदी और बिक्री में 400 फीसदी का इजाफा हुआ.
Khadi Sale Record: भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत आने वाला खादी और ग्रामोद्योग आयोग या खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (KVIC) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कीसरकार के नेतृत्व में तेजी से विकास कर रहा है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार केवीआईसी के उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है. वित्तवर्ष 2022-23 में बिक्री का आंकड़ा 1.34 लाख करोड़ रुपये का था. केवीआईसी के इस शानदार प्रदर्शन ने 2047 तक 'विकसित भारत' के संकल्प को साकार करने और भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है.
केवीआईसी के आंकड़ों से दिखी सभी सेगमेंट में चौतरफा ग्रोथ
खादी और ग्रामोद्योग आयोग या खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (केवीआईसी) ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नई नौकरियों के मौकों का नया रिकॉर्ड बनाया है. मंगलवार को केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में वित्त वर्ष 2023-24 के प्रोविजनल आंकड़े जारी किये. पिछले सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए, वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 फीसदी (लगभग 400 फीसदी), उत्पादन में 314.79 फीसदी (लगभग 315 फीसदी) और नये रोजगार के सृजन में 80.96 फीसदी (लगभग 81 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 332.14 फीसदी, उत्पादन में 267.52 फीसदी और नये रोजगार सृजन के क्षेत्र में 69.75 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी.
पिछले 10 वित्त वर्षों में केंद्र सरकार के स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 31154.20 करोड़ रुपये थी. वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 1,55,673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई जो अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है. वित्त वर्ष 2023-24 में केवीआईसी की कोशिशों से ग्रांवों और ऐसे इलाकों में 10.17 लाख नये रोजगार पैदा हुए हैं जिसने ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है.
केवीआईसी प्रेसिडेंट ने किसे दिया इस उपलब्धि का श्रेय
केवीआईसी प्रेसिडेंट मनोज कुमार ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और देश के दूरदराज के गांवों में काम करने वाले करोड़ों कारीगरों की अथक मेहनत को दिया है. एक बयान में उन्होंने कहा कि युवा वर्ग के लिए खादी फैशन का 'नया स्टेटस सिंबल' बन गया है. बाजार में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है जिसके चलते उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों में बढ़त दिखी है. मनोज कुमार ने कहा कि पिछले 10 सालों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बड़े बदलाव और फैसले लिये गये हैं, जिसके पॉजिटिव रिजल्ट आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' के साथ स्वदेशी उत्पादों पर देश की जनता का भरोसा बढ़ा है.
खादी कपड़ों के उत्पादन का नया रिकॉर्ड
पिछले 10 सालों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व बढ़ोतरीदेखने को मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था वहीं 295.28 फीसदी के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2023-24 में 3206 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वित्त वर्ष 2022-23 में खादी कपड़ों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये था.
खादी कपड़ों की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास
पिछले 10 वित्त सालों में खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 500.90 फीसदी बढ़ोतरी के साथ यह 6496 करोड़ रुपये पहुंच गई. वित्त वर्ष 2022-23 में 5942.93 करोड़ रुपये के खादी के कपड़े बिके थे. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बड़े-बड़े मंचों से खादी का प्रचार करने का गहरा असर खादी के कपड़ों की सेल पर पड़ा है. पिछले साल देश में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम से राजघाट तक जिस तरह से खादी का प्रचार-प्रसार किया उससे खादी को लेकर विश्व समुदाय आकर्षित हुआ है.
नए रोजगार पैदा करने और संचयी रोजगार का नया रिकॉर्ड
खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके उपलब्ध करना है. इस क्षेत्र में भी केवीआईसी ने पिछले 10 सालों में रिकॉर्ड कायम किया है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार कुल 1.30 करोड़ था, वहीं यह 2023-24 में 43.65 फीसदी इजाफे के साथ 1.87 करोड़ तक पहुंच गया. इसी तरह से वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5.62 लाख नए रोजगार के मौके बने, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 80.96 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10.17 लाख तक पहुंच गया. खादी कपड़ों के निर्माण के क्षेत्र में 4.98 लाख ग्रामीण खादी कारीगरों (कत्तिन और बुनकर) और कार्यकर्ताओं को भी रोजगार मिल रहा है.
खादी-ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली के कारोबार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
नई दिल्ली के खादी और ग्रामोद्योग भवन के कारोबार में भी पिछले 10 सालों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2013-14 में यहां का कारोबार जहां 51.13 करोड़ रुपये था, वहीं 87.23 फीसदी बढ़कर यह वित्त वर्ष 2023-24 में 95.74 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. वित्त वर्ष 2022-23 में खादी-ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली का कारोबार 83.13 करोड़ रुपये था.
खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों के उत्पादन में बड़ी बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन जहां 26,109.08 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 314.79 फीसदी के उछाल के साथ 108297.68 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पादन 95956.67 करोड़ रुपये था. लगातार बढ़ते उत्पादन का यह आंकड़ा इस बात का मजबूत सबूत है कि ग्रामीण क्षेत्र में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ऐतिहासिक काम किया है.
खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में बड़ा उछाल
पिछले 10 वित्त सालों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों ने बिक्री के मामले में हर साल नए रिकॉर्ड बनाये हैं. वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31,154.20 करोड़ रुपये थी, वहीं 399.69 फीसदी की अभूतपूर्व बढ़ोतरी के साथ यह वित्त वर्ष 2023-24 में 1,55,673.12 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो कि अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री रही है.
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