भारत को प्राचीनकाल से ही कृषि प्रधान देश माना जाता है. देश की एक बड़ी आबादी आज भी खेती से अपना भरण पोषण कर रही है.देश की GDP में कृषि का 17 से 18 प्रतिशत का योगदान रहता है. ऐसे में किसानों की मदद करने के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं लेकर आती रहती है. उन्हीं में से एक योजना का नाम है  किसान क्रेडिट कार्ड. कृषि का उत्पादन बहुत सी चीजों पर निर्भर करता हैं जिसमें मौसम प्रमुख है.


कई बार आंधी, तूफान, ज्यादा बारिश के कारण बाढ़ आदि के कारण फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है. ऐसे में किसानों को कई बार कर्ज लेने की जरूरत पड़ जाती है. वह कई बार आसपास के लोगों से बहुत ज्यादा ब्याज दर पर लोन लेते हैं. इसके बाद जिंदगी भर उस लोम के बोझ तले दबे रहते हैं.ऐसे में किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत साल 1998 में की गई थी. इस योजना के जरिए किसानों को सस्ते ब्याज दर पर लोन मिलने का प्रावधान है. तो चलिए जानते हैं इस योजना के बारे में-


किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे?
आपको बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर 3 लाख तक का लोन देती है. यह लोन केवल 4 प्रतिशत के ब्याज दर पर दिया जाता है. इस कार्ड का लाभ उठाने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल होना जरूरी है. वहीं ज्यादा से ज्यादा 75 साल का किसान इस क्रेडिट कार्ड का लाभ उठा सकता है.


किसान क्रेडिट कार्ड पाने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स-
-वोटर आईडी कार्ड
-आधार कार्ड
-ड्राइविंग लाइसेंस
-पासपोर्ट
-किसान के जमीन के कागज


केसीसी के लिए अप्लाई करने का तरीका-
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आप्लाई करने के लिए आप किसी भी सरकारी बैंक में अप्लाई कर सकते हैं. बैंक में जाकर किसान क्रेडिट कार्ड  का एप्लीकेशन फॉर्म फिल करें. इसके बाद आप ऊपर दिए गए सारे डॉक्यूमेंट्स जमा करने होगें. इसके बाद आपको किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा. इसके अलावा आप बैंकों कि ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए भी KCC के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 


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