Kisan Vikas Patra: सभी निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जो बेहतर रिटर्न भी दे और साथ में आपका निवेश सुरक्षित भी रहे. सुरक्षित निवेश और बेहतर रिटर्न के लिए पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र योजना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है. पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं में किसान विकास पत्र में आपका निवेश ना केवल सुरक्षित रहता है साथ ही इस पर अन्य योजनाओं के मुकाबले ज्यादा ब्याज भी मिलता है.


किसान विकास पत्र में दोगुनी निवेश


किसान विकास पत्र योजना के तहत 10 साल और 4 महीने यानी 124 महीने में आप जमा की गई रकम दोगुनी हो जाती है. किसान विकास पत्र योजना पर सलाना 6.9 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. यानि आपने एक लाख रुपये इतनी अवधि के लिये किसान विकास पत्र में निवेश किया तो आपको मैच्योर होने के बाद 2 लाख रुपये मिलेंगे. 


सर्टिफिकेट के तौर पर जारी


किसान विकास पत्र (KVP) में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश किया जाता है. आप इस सर्टिफिकेट को 1,000 रुपये, 5,000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये के रूप में खरीद सकते हैं.


50,000 से ज्यादा के निवेश पर देना होगा प्रूफ


50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर PAN कार्ड अनिवार्य कर दिया है. अगर 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जैसे Income Tax Return, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट. इसके अलावा पहचान पत्र के तौर पर आधार पैन भी देना होता है.


नाबालिग के नाम पर भी 


इस योजना के तहत कोई भी भारतीय व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है वह अपना अकाउंट इसमें खुलवा सकता है. हालांकि, अकाउंट खुलवाने की कोई भी ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है. लेकिन नाबालिग के नाम पर किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट खरीदा जा सकता है.  


ले सकते हैं बंधक रखकर कर्ज


किसान विकास पत्र में निवेश के सर्टिफिकेट को बैंक में बंधक के तौर पर रख कर आप किसी भी बैंक से लोन भी ले सकते हैं. 


टैक्स छूट का लाभ नहीं


एक बात जानना बेहद जरुरी है कि किसान विकास पत्र में निवेश पर आपको कोई टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है जैसा कि पीपीएफ ( Public Profit Fund) या एनएससी ( National Saving Certificate) में मिलता है. 


ट्रांसफर करने की भी है सुविधा


Kisan Vikas Patra को जारी करने की तारीख के ढाई साल बाद भी भुनाया जा सकता है. KVP को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में स्थानांतरित भी किया जा सकता है. किसान विकास पत्र को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी  स्थानांतरित किया जा सकता है. KVP में नॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध है. 


आपको बता दें, किसान विकास पत्र योजना की शुरुआत 1988 में हुई थी. इसका मकसद था किसानों के निवेश को दोगुना करना, लेकिन अब भारत का कोई नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकता है. 


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