Modi Govt 8 Years: अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Rate) 8 सालों के उच्चतम 7.79 फीसदी और थोक महंगाई दर ( Wholesale Inflation Rate) 9 सालों के सबसे उच्च स्तर 15.08 फीसदी पर जा पहुंचा. पेट्रोल डीजल के दाम आसमान तो छू रही रहे थे. खाने के तेल का खर्च रसोई का बजट बिगाड़ रहा था. महंगे डीजल के चलते बाकी तमाम चीजें महंगी हो रही थी.आम लोग महंगाई से त्राहिमाम कर रहे है जिसके बाद सरकार पर महंगाई नकेल कसने के लिए दवाब बना. जिसके बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए 8 बड़े फैसले लिए हैं.
आइए डालते हैं सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए 8 कौन कौन से बड़े फैसले लिए हैं.
1. केंद्र सरकार ने सबसे पहले पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया. पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटा दिया जिससे आम लोगों को महंगे ईंधन से राहत दी सके.
2. सरकार ने गेंहू की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर गेंहू के निर्यात पर रोक लगा दिया. जिससे उत्पादन में आई कमी से निपटा जा सके. भीषण गर्मी के चलते गेंहू के उत्पादन में कमी आई है.
3.सरकार ने चीनी की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर चीनी के एक्सपोर्ट की लिमिट तय कर दी है. इस सीजन में चीनी कंपनियां 10 मिलियन टन से ज्यादा चीनी निर्यात नहीं कर सकेंगी. महंगे चीनी के चलते मिठाई, बिस्कुट से लेकर वो सभी चीजें महंगी हो रही थी जिससे चीनी का इस्तेमाल किया जाता है.
4. सरकार ने उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को गैस सिलेंडर पर 200 रुपये सब्सिडी देने का फैसला किया है. जिससे इन लोगों को सस्ती रसोई गैस उपलब्ध कराई जा सके.
5. केंद्र सरकार ने देश में स्टील की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर और डोमेस्टिक मार्केट में स्टील की सप्लाई बढ़ाने के लिए स्टील के निर्यात पर ड्यूटी लगाने का फैसला लिया है. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट कंपनियों के अलावा ऑटो कंपनियों को फायदा होगा जो लागत बढ़ने से परेशान थे.
6. सरकार ने स्टील और प्लास्टिक इंडस्ट्री से जुड़े कई कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला किया है. जिससे इन कंपनियों को सस्ता कच्चा माल उपलब्ध हो सके.
7. सरकार ने खाने के तेल के बढ़ते दामों पर नियत्रंण लगाने के लिए इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में 20 लाख टन क्रूड सोयाबीन और क्रूड सनफ्लावर आयल बगैर इंपोर्ट ड्यूटी के आयात करने का पैसला किया है.
8. किसानों को महंगे खाद से निजात दिलाने के बजट में आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी के अलावा 1.1 लाख रुपये अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया है. इस कदम से किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है.
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