कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए कई स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कोरोना रक्षक पॉलिसी बेच रही हैं. बाजार में विशेष कोरोना पॉलिसी उपलब्ध हैं. कोरोना कवच के अलावा कई कंपनियां 10 जुलाई से कोरोना रक्षक पॉलिसी दे रही है. कोरोना रक्षक पॉलिसी लेने से आप इस बीमारी से संक्रमित होने पर अस्पताल का खर्च वापस पा सकते हैं. यह छोटी अवधि वाली पॉलिसी है.


जानें कोरोना रक्षक पॉलिसी के बारे में जरूरी बातें


कोरोना रक्षक बेनिफिट आधारित पॉलिसी है. इस पॉलिसी को लेने वाले व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव होने पर एकमुश्त रकम का भुगतान किया जाता है. हालांकि इसके लिए आपको हॉस्पिटल में कम से कम 72 घंटे लगातार भर्ती रहने की जरूरत होती है. इस पॉलिसी के तहत लोगों को तीन तरह के विकल्‍प मिलते हैं. ये तीनों ही छोटी अवधि के होते हैं. पॉलिसी की अवधि 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने की होती है. यानी इसके बाद पॉलिसी को दोबारा रिन्‍यू कराना होगा.


15 दिनों बाद ही मिलेगा लाभ


कोरोना रक्षक पॉलिसी में 15 दिन का वेटिंग पीरियड होता है. यानि अगर पॉलिसी लेने के 15 दिनों के अंदर आपको कोरोना हो जाता है तो इसका लाभ नहीं मिलेगा. यानी कोरोना रक्षक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के 15 दिन बाद आपको कवर मिलता है.


2.5 लाख रुपये तक का कवर


कोरोना रक्षक पॉलिसी 50,000 रुपये से 2,50,000 रुपये तक सम इंश्‍योर्ड ऑफर करती है. अगर आपने 2.5 लाख रुपये की सम एश्योर्ड वाली प़ॉलिसी ले रखी है तो आपको ढाई लाख रुपए तक का इलाज करा सकते हैं. इस पॉलिसी को 18 साल से 65 साल तक का कोई भी व्‍यक्ति ले सकता है.


बता दें कि इरडा ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को कोरोना कवर के लिए कोरोना कवच और कोरोना रक्षक नामक विशेष पॉलिसी बेचना अनिवार्य कर रखा है.  इरडा के निर्देश के मुताबिक कोई भी रिन्युअल 31 मार्च, 2021 तक ही मान्य होगा.


Corona Health Insurance Policy: जानें, कोरोना कवच और कोरोना रक्षक में कौन सी पॉलिसी है बेहतर


कार की बीमा किस्त बढ़ा रही हैं बजट तो प्रीमियम घटाने के लिए अपनाएं ये टिप्स