क्या है महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance? कैसे सरकार करती है इसे तय
अगर आप नहीं जानते हैं कि महंगाई भत्ता क्या होता है तो यहां दी गई जानकारी से इसके बारे में काफी कुछ जान सकते हैं. 9 अक्टूबर को ही सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का डीए यानी महंगाई भत्ता 5 फीसदी तक बढ़ा दिया है.
नई दिल्लीः 9 अक्टूबर को मोदी सरकार ने सरकारी कर्माचारियों को दीवाली से पहले ही बड़ा तोहफा देते हुए उनके महंगाई भत्ते में 5 फीसदी का इजाफा कर दिया. इसके जरिए सरकार 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी की बैठक में इसका फैसला हुआ और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसका एलान किया.
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पहले सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 12 फीसदी था जो इस 5 फीसदी बढ़ोतरी के बाद बढ़कर 17 फीसदी हो गया है और ये बढ़ा हुआ भत्ता कर्मचारियों को जुलाई 2019 से मिलेगा. दीवाली से पहले ही दी गई इस सौगात से सरकारी कर्मचारियों के लिए ये त्योहार काफी अच्छा साबित होने वाला है.
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अगर आप नहीं जानते हैं कि महंगाई भत्ता क्या होता है तो यहां दी गई जानकारी से इसके बारे में सबकुछ जान सकते हैं-
क्या है महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance: दरअसल बढ़ती महंगाई से वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं और लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता को कम करने लगते हैं. इसका सामना करने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और अपनी जरूरत की चीजों को दाम बढ़ने के बावजूद भी खरीद पाएं.
कैसे तय करती है सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए? महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है.
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