शादी के बाद ऐसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग, ऐसे बनाएं अपने साथी के साथ सुंदर जिंदगी की रूपरेखा
सबसे जरूरी है कि आप दोनों मिलकर अपने घर का बजट बनाएं और उस पर कड़ाई से अमल करें. जितना बजट आपने तय किया है उससे ज्यादा खर्च किसी सूरत में न करें और अगर ऐसा होता है तो उस बजट का फिर से मूल्यांकन करें
नई दिल्लीः अक्सर लोग शादी के समय अपनी जमा-पूंजी का बहुत बड़ा हिस्सा इससे जुड़े कार्यक्रमों, रस्मों में खर्च कर देते हैं और इसके बाद जब वो वैवाहिक जीवन में आते हैं तो उनके सामने सिर्फ अपने नहीं अपने लाइफ पार्टनर के खर्चों को भी मैनेज करने की जिम्मेदारी होती है. शादी के बाद के जीवन के लिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स अलग तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर सतर्क रहने की सलाह देते हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि शादी के बाद आप अपने और अपने लाइफ पार्टनर के मनी को कैसे मैनेज करें.
1. अपने फाइनेंस के लक्ष्यों के बारे में बात करें- अगर आपकी जल्द ही शादी होने वाली है तो अपने होने वाली लाइफ पार्टनर से अपने और उनके फाइनेंशियल लक्ष्यों के बारे में खुलकर बात करें. उनसे अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ भी छुपाएं नहीं और साथ में भविष्य के लिए मनी मैनेजमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में बात करें. अपने अकाउंट्स, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, एफडी या अन्य निवेश के बारे में खुलकर बातचीत करें और इसके बारे में एक दूसरे के सुझाव भी लें.
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2. नए तरीकों पर अमल करें-अगर आप पारंपरिक निवेश विकल्पों में ज्यादा सहज महसूस करते हैं और आपका लाइफ पार्टनर आधुनिक इंवेस्ट माध्यमों में सहज महसूस करता है तो इसके बारे में किसी आशंका से ग्रस्त न हों. आपके नजरिए से जो निवेश विकल्प अच्छा है वहीं दूसरे के लिए पुराना या ज्यादा मॉडर्न हो सकता है. ऐसे में आप अपने पार्टनर से बातचीत करें और उनके नजरिए को समझने की कोशिश करें. दोनों मिलकर निवेश विकल्पों के बारे में फैसला लें और संयोजन बिठाकर अपनी मनी मैनेजमेंट को चलाएं.
3. बच्चों के बारे में मिलकर फैसला करें- बच्चों के बारे में जैसे उनकी शिक्षा कहां होगी और उनके लिए खर्चा कहां से आएगा और उनकी अन्य जरूरतों के बारे में भी पहले से कुछ प्लानिंग लेकर चलना चाहिए जिससे कि आपके लाइफस्टाइल पर बच्चों के आने के बाद एक्सट्रा बोझ न पड़े. इसके अलावा अपने घूमने-फिरने, खाने-पीने और बाहर आउटिंग करने के खर्चों के बारे में भी एक बजट बनाएं और उस पर कड़े रूप से अमल करें. ऐसा करने से आपके खर्चों को आप सही तरीके से मैनेज कर पाएंगे.
4. घर का बजट बनाएं-सबसे जरूरी है कि आप दोनों मिलकर अपने घर का बजट बनाएं और उस पर कड़ाई से अमल करें. जितना बजट आपने तय किया है उससे ज्यादा खर्च किसी सूरत में न करें और अगर ऐसा होता है तो उस बजट का फिर से मूल्यांकन करें. बजट ऐसा होना चाहिए जिसमें आपको जरूरी खर्चों के लिए रकम कम भी न पड़े और आपकी बचत भी हो सके.
5. इमरजेंसी के लिए कुछ रकम जरूर रखें-आपके लिए जरूरी है कि आप खर्चों के साथ साथ आने वाले आकस्मिक खर्चों जैसे बीमारी, दुर्घटना, आपदा के लिए कुछ इमरजेंसी फंड अवश्य बनाएं और किसी भी सूरत में इसे घर के अन्य खर्चों के साथ क्लब न करें. इस फंड को कड़ाई से अलग रखें और केवल इमरजेंसी की हालत में ही इस्तेमाल करें. अगर आप इमरजेंसी फंड को आम जरूरतों के लिए प्रयोग कर लेंगे तो किसी आकस्मिकता के समय आपको किसी और से खर्च के लिए उधार लेना पड़ेगा.
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6. रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर करें-आप और आपके साथी के लिए ये जरूरी है कि वो अपने कामकाजी जीवन के दौरान ही नहीं इसके बाद की जिंदगी के लिए भी प्लानिंग से चलें. रिटायरमेंट के बाद भी अच्छा लाइफस्टाइल मेंटेन करने के लिए जरूरी है क् आपने पहले इसके लिए प्लानिंग कर रखी हो. अपनी नौकरी, बिजनेस के रूटीन के दौरान ही रिटायरमेंट के लिए अच्छी रकम को इक्ट्ठा करते जाएं जिससे जब आप अशक्त हो जाएं तो भी आपके पास अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रकम मौजूद हो.
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