नई दिल्लीः पीपीएफ खातों में निवेश करने के लिए लोगों में हमेशा उत्साह बना रहता है क्योंकि इसमें ट्रिपल ई का फायदा मिलता है. ट्रिपल ई यानी E-E-E के तहत न तो निवेश के मूलधन पर, न इस खाते पर मिलने वाले ब्याज पर और न ही मैच्योरिटी की रकम पर कोई टैक्स लगता है. इस बार सरकार ने पीपीएफ खातों के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और इन खातों के लिए इंटरेस्ट रेट को 7.9 फीसदी पर ही बरकरार रखा है. इस तरह आप अच्छा ब्याज भी हासिल कर सकते हैं. हालांकि क्या आप पीपीएफ खातों में निवेश के लिए फॉर्म 'H'के बारे में जानते हैं. अगर नहीं तो यहां आपको हम काम की जानकारी देंगे.


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क्या है फॉर्म 'H' ?
अगर आपके पीपीएफ खातों की निवेश अवधि पूरी हो चुकी है और आप इसमें निवेश जारी रखना चाहते हैं तो इसके लिए फॉर्म 'H'भरना होता है. अगर आपने पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस में खुलावाया है तो वहीं पर आप इस फॉर्म को जमा कर सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड करें और पोस्ट ऑफिस के गाइडलाइंस को पूरा करते हुए पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में जमा कर दें. हालांकि उसी ब्रांच में फॉर्म जमा करना होगा जिसमें कि खाता खोला गया है. बैंक में पीपीएफ खाता खोला गया है तो उसी बैंक की ब्रांच से फॉर्म को लें और भरकर बैंक में जमा कर दें.



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क्या होगा अगर फॉर्म 'H' नहीं भरेंगे तो?
मान लीजिए आपके खाते को 15 साल पूरे हो गए हैं और बिना फॉर्म 'H' भरे उसमें पैसा डाल रहे हैं तो आपको इस नई रकम पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही आयकर की धारा 80सी के तहत कोई टैक्स छूट भी नहीं मिलेगी.


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कब भरना होता है फॉर्म 'H'?
आपके पीपीएफ खातों में जमा निवेश की रकम को 15 साल होने के एक साल के भीतर आपको फॉर्म 'H' भर देना होगा. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो बैंक या पोस्ट ऑफिस खुद ही अकाउंट को आगे बढ़ा देंगे. इस सूरत में आपको मौजूदा बैलेंस पर ब्याज मिलेगा लेकिन आप नया निवेश नहीं कर पाएंगे.


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