जानें होम लोन लिया है तो कैसे मिल सकती है टैक्स छूट, दो घरों के मालिकों के लिए क्या हैं नियम
एक से ज्यादा घरों के मालिकों के अतिरिक्त घर पर टैक्सेशन किस तरह होगा उसके बारे में आप यहां जानकारी ले सकते हैं. अगर आपने होम लिया है और उस मकान को किराए पर चढ़ाकर खुद भी किराए पर रह रहे हैं तो भी टैक्स छूट के फायदे आपको मिलेंगे.
नई दिल्लीः निम्न और मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना एक सपने के साकार होने जैसा होता है. इस सपने को पूरा करने के लिए लोग सारी जिंदगी कोशिश करते हैं, घर खरीदने के लिए बचत करते हैं और लोन आदि लेते हैं. कई बार लोगों के पास इतनी क्षमता हो जाती है कि वो घर खरीदने में सफल हो जाते हैं. कुछ लोग तो एक से ज्यादा घर खरीदने में सफल होते हैं. चूंकि भारत में ऐसा कोई नियम नहीं है कि लोग कितने घर खरीद सकते हैं और यहां प्रॉपर्टी में निवेश करना भी अच्छा विकल्प होता है तो पैसा होने पर लोग घर खरीद लेते हैं. हालांकि अक्सर एक से ज्यादा घरों के मालिकों के मन में ये सवाल होता है कि उनके अतिरिक्त घर पर टैक्सेशन किस तरह होगा. यहां पर आप इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं.
सेक्शन 80सी के तहत ले सकते हैं प्रिंसिपल रीपेमेंट पर छूट इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से लिए गए होम लोन के प्रिसिंपल रिपेमेंट पर छूट को हासिल कर सकते हैं.
इसके अलावा होम लोन पर आप 80सी, 80ईई और 24बी के तहत टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं.
कैपिटल गेन टैक्स में फायदा अगर आपने कोई घर बनाया है या खरीदा है तो उस पर आप एलटीसीजी यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के जरिए टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं.
सेक्शन 80EE:इस सेक्शन के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है
सेक्शन-24 बी दो लाख या उससे ज्यादा की टैक्स कटौती पर 50 हजार रुपये की टैक्स छूट मुहैया कराता है.
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सेक्शन 80सी- इसके तहत आपको होम लोन पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट मिल सकती है. इस टैक्स कटौती के लिए एक नियम है कि खरीदी गई प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख से कम और मांगे गए लोन का अमाउंट 35 लाख रुपये से कम होना चाहिए. लोन के वापस लौटाने तक आपको टैक्स कटौती का फायदा जारी रहेगा. सेक्शन 80 सी के तहत लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट को प्रत्येक को-ओनर 1.5 लाख रुपये तक क्लेम कर सकता है.
बैंक से मिलने वाले लोन की शर्ते बैंक उन स्कीम के तहत लोन दे सकते हैं जिसमें लोन लेने वाला ईएमआई चुकाना शुरू कर देता हो. भले ही घर का कंस्ट्रक्शन चल रहा हो. टैक्स छूट के लिए ईएमआई और प्री-ईएमआई के बीच होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर वित्त वर्ष के दौरान प्रॉपर्टी का पजेशन नहीं मिल पाता है तो टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा. टैक्स में कटौती तभी लागू हो पाएगी जब अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी वित्त वर्ष के दौरान पूरी हो चुकी हो.
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होम लोन लिया है और किराए के घर में रह रहे हैं तो कैसे मिलेगी टैक्स छूट अगर आपने होम लोन लिया है और किराये के घर में रह रहे हैं तो आप सेक्शन 80सी एवं 24बी के तहत टैक्स बेनिफिट और हाउस रेंट अलाउंस पाने के हकदार हैं. अगर आपने होम लिया है और उस मकान को किराए पर चढ़ाकर खुद भी किराए पर रह रहे हैं तो भी टैक्स छूट के फायदे आपको मिलेंगे. हालांकि आपको जो किराया मिल रहा है वो आपकी इनकम में जोड़ा जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा.
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