नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान कर दिया है. देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का आज आखिरी दिन था और आज ही पीएम ने इसकी अवधि बढ़ाने का एलान कर दिया है. हालांकि प्रधानमंत्री ने ये भी साफ कर दिया है कि इस लॉकडाउन के चलते देश को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है लेकिन ये देश के लोगों की जान की कीमत के आगे कुछ नहीं है.


आर्थिक दृष्टि से महंगा पर भारतवासियों की जान ज्यादा कीमती-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक दृष्टि से देखें तो ये लॉकडाउन महंगा जरूर लगता है और इसकी बहुत बड़ी कीमत भारत को चुकानी पड़ी है लेकिन भारतवासियों की जान और उनके जीवन के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती है. देश को हो रहे आर्थिक नुकसान की तो हम प्रयासों द्वारा भरपाई कर सकते हैं लेकिन देशवासियों की जान से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं.


आर्थिक नजरिए से कितना महंगा लॉकडाउन
ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आर्थिक दृष्टि से भारत के लिए ये लॉकडाउन कितना महंगा साबित होने वाला है. बता दें कि 21 दिनों का लॉकडाउन आज खत्म हो चुका है और इतनी ही अवधि में देश को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है.


किसने दिया अनुमान
न्यूज एजेंसी प्रेस ट्र्स्ट ऑफ इंडिया पर आई एक खबर के मुताबिक रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स ऐंड रिसर्च लिमिटेड ने ये अनुमान लगाया था कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय इकोनॉमी को हर दिन करीब 35 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा. इस तरह पूरे 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि में जीडीपी को 7 से 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होना साबित होता है. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि देशभर में पूरी तरह लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को कुल मिलाकर 7-8 लाख करोड़ रुपये का झटका लग सकता है.


क्यों हो रहा है नुकसान
देश में आर्थिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह ठप हैं. रेल, बस, हवाई, लोकल यातायात पूरी तरह बंद हैं. औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह रुकी हुई हैं, राजस्व सेवाओं पर लगाम लगी हुई है. कुल मिलाकर सिर्फ कुछ जरूरी सेवाओं के लिए ही लॉकडाउन में छूट दी गई हैं लेकिन इनके दम पर अर्थव्यवस्था को ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है.


कब शुरू हुआ था लॉकडाउन
पीएम मोदी ने 24 मार्च को देश में 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की बात कही थी और 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच के 21 दिनों के लिए ये लॉकडाउन किया गया था.


आर्थिक मोर्चे पर रेटिंग एजेंसिया-आर्थिक संस्थान दे रहे हैं गिरावट का अनुमान
वर्ल्ड बैंक ने अनुमान दिया है कि भारत की आर्थिक विकास दर पर कोरोना वायरस के कारण आए आर्थिक संकट का भारी असर होगा. इसके असर से 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर 2.8 फीसदी तक नीचे आ सकती है.


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