नई दिल्लीः आजकल आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर का नाम सुर्खियों में है. इन पर आरोप है कि चंदा कोचर के बैंक ने उस वीडियोकॉन कंपनी को लोन दिया जिसके मालिक वेणुगोपाल धूत के साथ चंदा कोचर के पति के कारोबारी रिश्ते हैं. वीडियोकॉन वो कारोबारी घराना है जिसका लोन अकाउंट 2017 में एनपीए घोषित किया जा चुका है. ऐसे में चंदा कोचर कौन हैं ये जानना जरूरी हो जाता है.


कौन है चंदा कोचर
चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ हैं. रिटेल बैंकिंग सेक्टर को एक नई दिशा देने के लिए इनका नाम खास तौर पर लिया जाता है.


चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई लिमिटेड 1984 में जॉइन किया था और इन्होंने 1990 में आईसीआईसीआई बैंक की स्थापना के समय भी अहम रोल निभाया था. इन्होंने उस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और कॉर्पोरेट बैंकिंग बिजनेस के हेड के तौर पर काम किया. साल 2001 में चंदा को आईसीआईसीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह दी गई.


साल 2006-07 के दौरान चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के कॉर्पोरेट और इंटरनेशनल बैंकिंग बिजनेस के लीडर के तौर पर काम किया. इसके बाद साल 2007-2009 के दौरान इनकी पोजीशन बढ़ाकर जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कर दी गई. साल 2009 में वो मैनेजिंग डायरेक्टर और कंपनी की सीईओ बन गई. इसके अलावा वो बैंक की अन्य सब्सिडियरी के बोर्ड में भी शामिल हैं. बैंक के भारत और विदेश सभी तरह के ऑपरेशन्स की निगरानी करती रही हैं.


साल 2011 में चंदा कोचर को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.


चंदा कोचर लगातार 7 सालों तक फोर्ब्स की 'दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाएं' और लगातार 5 सालों तक फॉर्च्यून की भारत की बिजनेस के क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शामिल रही हैं. इसके अलावा साल 2015 में इनका नाम टाइम मैगजीन के 'दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोग' की सूची में भी था.


इसके साथ ही चंदा कोचर इंडिया-जापन बिजनेस लीडर फोरम की सदस्य रही हैं, यूएस-इंडिया सीईओ फोरम और ट्रेड बोर्ड में शामिल रही हैं. वहीं इंडियन बैंक एसोसिएशन की डिप्टी चेयरमैन भी हैं.


चंदा कोचर आईआईआईटी वडोदरा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की चेयरपर्सन हैं. इसके साथ ही वो इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट के बोर्ड में हैं. इंटरनेशनल मॉनेटरी कॉन्फ्रेंस की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.


चंदा कोचर ट्रेड और इंडस्ट्री की प्रधानमंत्री काउंसिल की सदस्य रही हैं. वहीं साल 2011 में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना मीटिंग की को-चेयरमैन रही हैं.