Job Insurance: कमरतोड़ महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के चलते पूरी दुनिया की आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हुई है. डिमांड घटने से कंपनियों के ग्रोथ पर बुरा असर पड़ा है तो एक के बाद एक टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. ऐसे में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है. लोगों के नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है. पश्चिमी और यूरोप देशों में आंशिक मंदी आने की बात की जा रही है. भारत हालांकि इससे अभी अछूता है लेकिन जब आग लगती है तो उसके साथ धुएं के चपेट में कई लोग आते हैं. तो देर सबेर ही सही इसका असर मामूली तौर पर भारत पर भी पड़ सकता है. ऐसे में लोगों को जॉब सिक्योरिटी की चिंता सताने लगी है. जब जॉब सिक्योरिटी को लेकर मन में आशंकाएं पैदा होने लगे तो आपके लिए जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर लेना सबसे जरूरी हो जाता है. 


कैसे मिलता है जॉब लॉस कवर
भारत में जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर बीमा इंडस्ट्री का सबसे लेटेस्ट प्रोडक्ट है. हालांकि केवल जॉब लॉस कवर अलग से कोई भी बीमा कंपनी ऑफर नहीं करती है बल्कि गंभीर बीमारी के लिए गए बीमा कवर या होम लोन प्रोटेक्शन प्लान के साथ ही जॉब लॉस इश्योरेंस कवर प्लान ऐड ऑन प्लान (Add-On Plan) के तहत मिलता है. ये प्लान केवल सैलरी पाने वाले व्यक्ति के लिए ही है. जब किसी व्यक्ति की नौकरी चली जाती है तो जॉब इंश्योरेंस के जरिए इंश्योर्ड व्यक्ति को आर्थिक सहायता मिलती है.  


जॉब लॉस कवर का फायदा तब मिलता है जब आपके ऊपर कोई कर्ज बकाया होता है, आप पहले से ईएमआई का भुगतान कर रहे होते हैं और ईएमआई के भुगतान करने के लिए आय का कोई अन्य साधन नहीं होता है. बीमा कंपनी तीन महीने के लिए ईएमआई का भुगतान करती है. इस अवधि में पॉलिसीहोल्डर को नए नौकरी की तलाश करनी होती है. 


जानिए क्या है जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर के फीचर्स 
जॉब लॉस कवर का फायदा नौकरी गंवाने के कारणों के कारणों के आधार पर तय किया जाता है. नौकरी गंवाने की संभावनाओं के आधार पर जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर का प्रीमियम अमाउंट तय किया जाता है. कुल कवरेज प्लान का 3 से 5 फीसदी रकम आपके जॉब लॉस बीमा कवर के प्रीमियम के भुगतान के लिए जाता है. जो मुख्य पॉलिसी के प्रीमियम से अलग होता है. अगर जॉब लॉस बीमा कवर होम लोन प्रोटेक्शन प्लान के साथ लिया गया है तो पॉलिसी का कुल टेन्योर केवल 5 साल रहता है. पूरे होम लोन की अवधि के लिए बीमा का फायदा नहीं मिलता है. 


ऐसे में नहीं मिलता है फायदा!
जॉब लॉस इंश्योरेंस में बहुत ही सीमित तरीके से फायदा मिलता है कई कंपनियां नेट इनकम का 50 फीसदी देती हैं. जब भी किसी व्यक्ति को कंपनी में खराब प्रदर्शन के चलते या फिर प्रोबेशन पीरियड में नौकरी से निकाला जाता है तो जॉब लॉस बीमा कवर नहीं मिलता है. इन परिस्थितियों में नहीं मिलता है जॉब लॉस कवर-


1. सेल्फ एंंप्‍लॉयड या फिर बेरोजगार होने पर 
2. प्रोबेशन पीरियड में बेरोजगार होने पर 
3. जल्द रिटायरमेंट लेने या फिर खुद इस्तीफा देने पर
4. मौजूदा बीमारी के चलते नौकरी जाने पर 
5. सस्पेंड, छंटनी और फिर अंडरपरफॉर्म या फ्रॉड करने के चलते निकाले जाने पर 


ये कंपनियां दे रही जॉब लॉस कवर 
भारतीय बीमा मार्केट में स्टैंडअलोन जॉब लॉस बीमा कवर कोई भी बीमा कंपनी नहीं देती है. ये एड-ऑन या फिर पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी या गंभीर बीमारी वाले प्लान के साथ मिलता है. इनमें से कुछ प्लान के साथ जॉब लॉस कवर भी मिलता है. जो तीन कंपनियां जॉब लॉस बीमा कवर ऑफर कर रही हैं उनके नाम हैं-  


1. एचडीएफसी का होम सुरक्षा प्लान
2. रॉयल सुंदरम का सेफ लोन शील्ड 
3. आईसीआईसीआई लॉम्‍बार्ड का सिक्योर माइंड 


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