क्यों मिल रही है जीएसटी से पहले सामान पर भारी छूटः जानें पूरी वजह
नई दिल्लीः इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में बंपर सेल के ढेरों ऑफर दिल्लीवालों को अपनी ओर खींच रहे हैं, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी यानी जिधर भी निगाहें जा रही हैं वहां बंपर छूट ही छूट नज़र आ रही है. इलेक्ट्रिकल एप्लायंसेज पर 50 फीसदी तक के डिस्काउंट दिए जा रहे हैं.
आखिर कंपनियां क्यों इतनी छूट दे रही हैं सवाल है कि आखिर कंपनियां क्यों इतनी छूट दे रही हैं, क्या इसके पीछे की वजह सिर्फ जीएसटी है जो 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है? जीएसटी की नई दरों के मुताबिक टीवी, एलईडी और फ्रिज जैसे लग्जरी सामानों पर 28 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि अभी इन पर 12.5 फीसदी का वैट लगता है, यानि 1 जुलाई से 15.5 फीसदी टैक्स बढ़ जाएगा.
जाहिर है एक जुलाई से इन लग्जरी सामानों की कीमत बढ़ जाएगी इसलिए कंपनियां ना सिर्फ अपना पुराना स्टॉक निकाल रही हैं बल्कि जीएसटी के बहाने अपनी सेल भी बढ़ा रही हैं, लेकिन कंपनियों की इस बंपर सेल के पीछे एक और वजह है, कंपनियों को जीएसटी लागू होने के बाद अपने पुराने माल पर नुकसान का डर है.
सदर बाजार मार्केट एसोसिएशन, दिल्ली के अध्यक्ष, राकेश कुमार यादव ने कहा कि एक ओर तो व्यापारियों को अपने पुराने स्टॉक को निकालने की जल्दी है और दूसरी ओर वो जीएसटी के कारण बने हुए माहौल का फायदा भी उठा रहे हैं. जीएसटी आने के बाद टैक्स का जो भार है वो थोड़ा बहुत आम जनता पर पड़ेगा तो इसलिए सेल भी लगाई हुई है और कारोबारियों ने अपने आप को सेफ करने के लिए ज्यादा से ज्यादा स्टॉक क्लियर करने का टार्गेट रखा है जिससे भविष्य में उन्हें ही फायदा होगा.
क्या है कारोबारियों की सेल के पीछे की असली वजह?
बढ़े हुए टैक्स का सारा भार ग्राहकों पर डाला तो बिक्री पर असर पड़ेगा और अपने ऊपर रखा तो फायदा कम होगा. वैट और जीएसटी के बीच के अंतर से भी नुकसान की आशंका है, साथ ही सरकार पहले ही कह चुकी है कि एक साल से पहले के स्टॉक पर टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा. जो एक साल से पुराना स्टॉक होगा उस पर रिफंड इनपुट नहीं मिलेगा. इस भारी छूट के पीछे व्यापारी तर्क दे रहे हैं कि अगर टैक्सेशन होगा, स्टॉक जीरो हो गया जिस पर मान लीजिए 28 फीसदी या 12 फीसदी टैक्स दिया हुआ है तो लागत का हिस्सा हो जाएगा यानि स्टॉक महंगा हो जाएगा.
दिल्ली से जम्मू-कश्मीर तक दिख रहा है असर
कारोबारियों में ये डर सिर्फ दिल्ली में ही नहीं है, जम्मू-कश्मीर के अखरोट व्यापारी भी परेशान हैं, क्योंकि अभी तक प्रसाद की श्रेणी में आने से इस पर कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब इसे ड्राइ फ्रूट की श्रेणी में रखा गया है जिस पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा. जम्मू कश्मीर में अखरोट का करीब 2800 करोड़ रूपए का सालाना कारोबार है, इसके व्यापार से करीब 5 लाख लोग जुड़े हुए हैं. प्रसाद के ऊपर अगर 12 फीसदी टैक्स लगेगा तो जो व्यापारी पहले 5 किलो अखरोट लेकर जाते थे तो आगे से वो 5 किलो की बजाए 3 किलो ही लेकर जाएंगे
व्यापारियों की मांग टैक्स को हटाने की है, जिसके सरकार द्वारा माने जाने की उम्मीद बेहद कम है, 25 जून को एक्सल शीट का एक फॉर्मेट लॉन्च किया जाएगा जिससे व्यापारियों को जीएसटी में मदद मिलेगी, करीब 4 साल की देरी के बाद जीएसटी एक जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा यानि अब एक देश एक टैक्स होगा.