नई दिल्लीः कई बार हम पैसा तो बचाना चाहते हैं लेकिन ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में फंस जाते हैं जिनमें आपकी टैक्स बचत नहीं हो पाती है. इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत निवेश किए जाने पर आपको 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. यहां हम आपको PPF और ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के बारे में जानकारी दे रहे हैं कि इनमें से किसमें निवेश करना आपके लिए ज्यादा बेहतर है.


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PPF में गारंटीड रिटर्न, रिस्क कम
PPF में ऐसा निवेश किया जाता है जिसपर आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है लेकिन इसमें एक स्थिरता होती है. पीपीएफ पर फिलहाल 8 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.


ELSS में शानदार रिटर्न, रिस्क ज्यादा
ELSS में पिछले 3 साल में करीब 19 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला है और इस लिहाज से ये निवेश के लिए काफी अच्छी स्कीम मानी जाती है लेकिन इसमें थोड़ा ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि इसमें इक्विटी के आधार पर पैसा लगता है जो शेयर बाजार से संबंधित होता है.



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इस तरह देखा जाए तो पीपीएफ की बजाए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में करीब दोगुना रिटर्न मिल रहा है. हालांकि पीपीएफ और ईएलएसएस दोनों स्कीमों को बीच में बंद नहीं कर सकते हैं.


पीपीएफ में 15 साल बाद निकाल सकते हैं पैसा
पीपीएफ में 15 साल के लिए आपका पैसा लॉक हो जाता है लेकिन ईएलएसएस में आप 3 साल के बाद पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि पीपीएफ में 7वें साल से आप नियमों के तहत पैसा निकाल सकते हैं.


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ईएलएसएस में 3 साल बाद निकाल सकते हैं पैसा
ईएलएसएस में 3 साल का लॉक-इन रहता है और इसके बाद चाहें तो पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि इनकम टैक्स बचाने वाली ईएलएसएस में आप बीच में पैसा नहीं निकाल सकते हैं. इस निवेश स्कीम में निवेश पर ब्याज दर की जगह मार्केट लिंक्ड रिटर्न मिलता है.


ईएलएसएस में डिविडेंट पेआउट का ऑप्शन
अगर निवेशक डिविडेंड पेआउट का ऑप्शन लेता है तो उसे बीच-बीच में पैसा मिलता रहेगा.


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