कोरोना कवच इंश्योरेंस पॉलिसी है जरूरी, 


बीमा नियामक इरडा ने पिछले दिनों सभी बीमा कंपनियों के जुलाई के आखिर तक कोरोना के इलाज के खर्च को कवर करने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लांच करने को कहा था. अब लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनियों ने कोरोना कवच के नाम से स्टैंडर्ड पॉलिसी लॉन्च की है. इसके तहत कोई भी 50 हजार रुपये से लेकर 5 पांच लाख रुपये तक के कवर का इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है. इंश्योरेंस पॉलिसी एक साल की उम्र से लेकर 65 साल के शख्स के लिए खरीदी जा सकती है. यह पॉलिसी साढ़े तीन, साढ़े छह और साढ़े नौ महीने के लिए है. आइए देखते हैं कि इसके तहत क्या-क्या कवर होता है.


प्री, पोस्ट और अस्पताल में भर्ती का खर्च होता है कवर 


इसके तहत प्री, पोस्ट और हॉस्पिटलाइजेशन खर्च कवर होते हैं. अगर घर पर इलाज कराना चाहते हैं तो इसका खर्च कवर होता है. आयुष ट्रीटमेंट यानी एलोपैथिक के अलावा दूसरी इलाज पद्धतियों से इलाज के खर्चे को भी कवर किया गया है. एंबुलेंस का खर्चा भी कवर किया गया है.  इंश्योरेंस के तहत इलाज का खर्चा तभी कवर किया जाएगा जब व्यक्ति का कोविड टेस्ट पॉजीटिव होगा. मौजूदा डायगोनिसिस के पहले के डायगोनेस्टिक खर्चे, हॉस्पिटलाइजेशन, भोजन सप्लीमेंट , टीकाकरण का खर्चा इसमें शामिल नहीं होगा. भारत के बाहर का इलाज का खर्चा भी कोरोना कवच के तहत कवर नहीं किया जाएगा


पॉलिसी में 15 दिन का वेटिंग पीरियड


पॉलिसी शुरू से 15 दिन का समय वेटिंग पीरियड होता है.इसके बाद ही इसके तहत बीमारी का इलाज कवर होगा. पॉलिसी लेने के लिए किसी मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं है. पॉलिसी किसी भी इंश्योरेंस एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी से खरीदी जा सकती है. इंश्योरेंस एग्रीगेटर वेबसाइट से इसे ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है. अगर इंश्योरेंस लेने वाले शख्स ने सरकार की यात्रा प्रतिबंधित सूची वाले देश की यात्रा की है तो इंश्योरेंस पॉलिसी मान्य नहीं होगी. पॉलिसी में बेड चार्ज, नर्सिंग चार्ज, ब्लड टेस्ट, पीपीई किट्स, ऑक्सीजन आईसीयू और डॉक्टर की कंस्लटेशन फीस शामिल है.