नई दिल्लीः अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि उनकी कमाई टैक्सेबल इनकम स्लैब में नहीं आती, बावजूद इसके यदि वे 1 लाख रुपये से अधिक का इंवेस्टमेंट करते हैं तो क्या उन्हें STCG और LTCG देना पड़ेगा. जानें, इस बारे में सभी बातें.
आमतौर पर अधिक निवेश पर 15% STCG और 10% LTCG देना होता है. लेकिन यदि आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है और आप ITR भी फाइल नहीं कर रहे तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) नहीं देना होगा. दरअसल, आपकी टोटल इनकम बेसिक स्लैब से कम है तो आपको टैक्स पे नहीं करना पड़ेगा.
अगर आपकी कमाई ढाई लाख रुपये से अधिक होती है तो आपको उस क्वॉर्टर में लिक्विड फंड्स पर दोनों तरह का टैक्स देना होगा. यदि किन्हीं कारणों से आपने ढाई लाख से अधिक इनकम पर STCG और LTCG नहीं दिया तो आप पर जुर्माने के साथ ब्याज दर लगनी शुरू हो जाएगी.
आप यदि म्युअल फंड में भी निवेश करते हैं तो आपको लिक्विडिटी फंड के ऊपर ढाई लाख की कमाई होने पर दोनों तरह का टैक्स पे करना होगा. यदि आपको टैक्स से संबंधित कोई उलझन है तो आप किसी फाइनेंस एडवाइजर से भी सलाह ले सकते हैं ताकि आप अतिरिक्त भुगतान करने से बच सकें.
ये खबर एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.