आप यदि नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और किराये के मकान में रहते हैं तो इनकम टैक्स पर छूट पा सकते हैं. नौकरीपेशा लोगों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) मिलता है. हाउस रेंट अलाउंस अधिकांश कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर का एक हिस्सा होता है. हालांकि यह आपके वेतन का एक हिस्सा है, लेकिन मूल वेतन के विपरीत एचआरए पूरी तरह से टैक्सेबल नहीं है.


दरअसल, हाउस रेंट अलाउंस एक भत्ता होता है और यह नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है. कुछ शर्तों के साथ एचआरए पर आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 10 (13ए) के तहत छूट मिलती है. नौकरीपेशा व्यक्ति की टैक्सेबल आय को एचआरए को घटाकर कैलकुलेट किया जाता है. इससे कर्मचारी को टैक्स बचाने में मदद मिलती है. यदि कोई कर्मचारी अपने घर में रह रहा है और किसी घर के लिए किराया नहीं देता है तो एचआरए पूरी तरह से कर दायरे में आएगा.   


एचआरए पर छूट का लाभ कौन उठा सकता है?
एचआरए में टैक्स छूट का लाभ केवल वेतनभोगी व्यक्तियों (पुरानी कर व्यवस्था को चुनने वाले) के लिए उपलब्ध है. इसके साथ ही एचआरए उनकी सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा हो और किराये के घर में रह रहे हों. खुद का बिजनेस करने वाले लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता है.   


टैक्स में कितनी छूट मिलती है?
एचआरए के लिए टैक्स में छूट निर्धारित की गई है. मेट्रो सिटी में रहने पर बैसिक सैलरी के 50 फीसदी तक और नॉन-मेट्रो सिटी में रहने वालों की बैसिक सैलरी के 40 फीसदी तक एचआरए टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसके अलावा सालाना आय का10 फीसदी हिस्सा घर का किराया चुकाने में इस्तेमाल होने पर भी इसका लाभ मिलता है. टैक्स बेनिफिट व्यक्ति को केवल उस अवधि के लिए मिलता है, जिसमें वह किराए के मकान रहा है. 


यह  भी पढ़ें


कोविड-19 का असर, अप्रैल-जून तिमाही में घरों की बिक्री में 58 प्रतिशत की गिरावट- रिपोर्ट


New Rule: बैंकिंग समेत इन सेक्टर में कल से बदल जाएंगे कई नियम, जानिए आप पर क्या पड़ेगा असर