जानें आरबीआई 500 और 1000 के पुराने नोटों का क्या करेगा, कैसे नष्ट होंगे
इसके अलावा दुनिया में नकली नोटों को कई तरीके से नष्ट या दोबारा उपयोग में लाया जाता है. कही-कहीं इन्हें जलाया जाता है और कहीं इनको आर्ट स्ट्रक्चर और सॉवेनियर बनाने में भी इस्तेमाल में लाया जाता है.
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View In Appनकली नोटों को रिसाइकिल कर आरबीआई पेपरवेट, कैलेंडर फाइलें बनाने में करता है. तो हो सकता है कि आने वाले समय में आप जिन फाइलों, कैलेंडर का इस्तेमाल करें वो नकली नोटों से बने हों.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद देश की लगभग 86 फीसदी करेंसी कागज के टुकड़ों समान हो गई, सरकार ने साफ कर दिया कि जनता का पैसा जनता का ही रहेगा और इस पर कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि 500 और 1000 के नोटों को चलने के लिए समय दिया गया था. आज सरकार ने नए ऐलान भी किए जिसके तहत 500 के नोट 15 दिसंबर तक कुछ और जगह भी चल सकेंगे. अब सवाल ये उठता है कि बैकों में जमा किया जा रहे 500 और 1000 के नोटों का क्या होगा? आगे की स्लाइड्स में हम आपको बताएंगे कि आरबीआई इन पुराने नोटों का क्या करता है...
अब आई नकली नोटों की बारी तो इन्हें ब्रिकेट्स की तरह ईंधन में उपयोग किया जाता है. ब्रिकेट्स को इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए भी उपयोग में लाया जाता है.
आरबीआई के 19 ऑफिसेज में 27 श्रेडिंग और ब्रिकेटिंग मशीन्स नकली यानी अनफिट नोटों को नष्ट करने का काम करती हैं. इसका मतलब ये नहीं कि नकली नोट बेकार हो जाएंगे.
इसके अलावा कुछ नकली नोटों का इस्तेमाल गड्ढों को भरने के लिए भी किया जा सकता है.
आरबीआई 500-1000 रुपये के जो नोट मिलेंगे उन नोटों का पहले करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (सीवीपीएएस) करेगा जिससे पता चलेगा कि वापस आए नोट असली हैं या नकली. इसके बाद असली नोटों का इस्तेमाल नई करेंसी का कागज तैयार करने में किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक आरबीआई हर घंटे 60,000 नोटों को फिट या अनफिट नोटों में छांट सकता है.
जो नोट असली यानी फिट हैं उन्हें नए नोटों को बनाने के लिए काम में लिया जाएगा. हालांकि इससे पहले साल 2001 तक नकली नोटों को जला दिया जाता था लेकिन बाद में इन्हें रिसाइकिल किया जाने लगा है.
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