Sri Lanka Economic Crisis Update:: श्रीलंका में शनिवार को लंबे समय से जारी प्रदर्शन ने हिसंक रूप ले लिया. स्थानीय लोग इतने आक्रोशित हो गए कि हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के रेसिडेंस में दाखिल हो गए. प्रदर्शनकारी राजपक्षे को श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सोने की लंका कहा जाने वाला देश श्रीलंका कंगाल हो चुका है. उसने इस वर्ष 7 अरब डॉलर के कर्ज भुगतान पर रोक लगा दी है जिसे उसे भुगतान करना था. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है. श्रीलंका की वित्तीय हालत ऐसी हो चुकी है कि वो ना खाद्य सामग्री आयात करने की स्थिति में है और ना तो पेट्रोल डीजल, रसोई गैस और दवाएं.
1. आइए जानते हैं श्रीलंका पर क्यों आया ये संकट
1948 में आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक सकंट से जूझ रहा है. जिसके लिए कोरोना महामारी बहुत हद तक जिम्मेदार है. श्रीलंका टूरिस्ट पर निर्भर इकॉनमी है. कोरोना महामारी के चलते देश में टूरिस्ट का आना जाना दो सालों तक बंद हो गए जिससे अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल छा गये. इतना ही नहीं जब आय के साधन कम थे तब गोटबाया राजपक्षे सरकार ने टैक्स में कटौती कर दी जिससे सरकार के लिए आय का साधन घट गया.
2. महंगे ईंधन से बढ़ा संकट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ गये तो देश के सामने उसे खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. श्रीलंका ईंधन पर भारी सब्सिडी भी देता रहा है तो उसने केमिकल फर्टिलाइजर के आयात पर रोक लगा दिया जिससे कृषि सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है. खाद्य सामग्री, दवाएं और कुकिंग गैस के अभाव ने संकट बढ़ा दिया.
3. महंगाई चरम पर
महंगे ईंधन के चलते श्रीलंका में महंगाई बढ़ती चली गई. जिसका सबसे बड़ा असर वहां के कमजोर और कम आय वाले वर्ग पर पड़ा है. वहां के सेंट्रल बैंक ने महंगाई ज्यादा होने के चलते 20 साल के उच्चतम स्तर पर ब्याज दरें महंगी कर दी. जिससे लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया. श्रीलंका का करेंसी दुनिया में सबसे बुरा प्रकदर्शन करने वाला करेंसी है. एक डॉलर के मुकाबले श्रीलंका का रुपया घटकर 362 रुपये तक जा गिरा है. वहां के सेंट्रल बैंक ने 70 फीसदी तक महंगाई दर जाने का अनुमान जताया है.
4. ईंधन, दवाओं का अभाव
महंगाई चरम पर है. विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है तो श्रीलंका अपने नागरिकों के लिए ना तो पेट्रोल डीजल आयात कर पा रहा है और ना दवाएं. यहां तक की खाद्य सामग्री भी इंपोर्ट करने की हालत में नहीं है जिससे स्थानीय लोग खासे नाराज हैं.
5. विदेशी कर्ज का जाल
श्रीलंका को इस साल 7 अरब डॉलर का कर्ज चुकता करना था. 2026 तक उसे 25 अरब डॉलर चुकता करना है. श्रीलंका पर करीब 51 बिलियन डॉलर का कर्ज बकाया है. वहां के वित्त मंत्रालय के मुताबिक उसके पास केवल 25 मिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा बचा है. जापान और एशियन डेवलपमेंट बैंक के बाद चीन का श्रीलंका पर सबसे ज्यादा कर्ज बकाया है जो करीब कुल कर्ज का 10 फीसदी है.
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