आप यदि वेतनभोगी कर्माचारी हैं तो आपको हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) मिलता होगा. यह वेतन का मुख्य हिस्सा होता है. लेकिन बहुत से कर्माचारी नहीं जानते है कि यह कैसे टैक्स बचाने में मदद करता है. आइए आपको बताते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से पहले आप कैसे अपने एचआरए को कैलकुलट करके टैक्स छूट का दावा सकते हैं.


इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (13A) के तहत  एचआरए पर छूट मिलता है. कर्मचारी की कुल टैक्सेबल इनकम की गणना एचआरए को टोटल इनकम से घटाकर की जाती है. कंपनी से आपको मिली एचआरए की राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं होती है. इसमें बैसिक सैलरी के 50 फीसदी मेट्रो सिटी और नॉन-मेट्रो सिटी में रहने वालों की बैसिक सैलरी के 40 फीसदी तक एचआरए टैक्स छूट का लाभ मिलता है. सालाना आय का 10 फीसदी किराये के रूप में चुकाने पर भी इसका लाभ मिलता है.  


ऐसे करें एचआरए को कैलकुलेट  
मान लीजिए कि एक व्यक्ति की मंथली बैसिल सैलरी 15,000 रुपये है और उसको 7,000 रुपये का एचआरए मिलता है और मेट्रो सिटी में आवास के लिए 8,400 रुपये का किराया चुकाता है.  



  • कर्मचारी को प्राप्त वास्तविक एचआरए = 84000 रुपये (7000 X 12)

  • बैसिक सैलरी का 50% (मेट्रो सिटी) = 90,000 रुपये ( (15,000X12 = 1,80,000 रुपये का 50%)

  • वार्षिक वेतन के 10% से अधिक किराये का भुगतान = 82,800 रुपये (1,00,800 रुपये * - (1,80,000 रुपये का 10%)) *8400X12 = 100,800 

  • इस हिसाब से कर्मचारी को नियोक्ता एचआरए के रूप में प्राप्त 84000 रुपये में से 82,800 रुपये में टैक्स छूट मिलेगी. बाकी 1200 रुपये की शेष राशि पर कर्मचारी को टैक्स चुकाना होगा


एचआरए का लाभ लेने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
मकान मालिक के साथ किराए की रसीद या रेंट एग्रीमेंट जमा करने पर ही एचआरए छूट का लाभ उठाया जा सकता है. अगर सालाना 1,00,000 रुपये से अधिक का किराया चुकाया जाता है तो टैक्स बेनिफिट पाने के लिए कर्मचारी को नियोक्ता को मकान मालिक के पैन नंबर की जानकारी देनी होगी.


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