ITR Filing: एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए सैलरीड इनकम वाले ऐसे भर सकते हैं आईटीआर -1, जानें प्रोसेस
Income Tax Return Update: आईटीआर फॉर्म संख्या -1 को सहज भी कहा जाता है. और टैक्सपेयर्स बेहद आसानी से खुद आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
Income Tax Return: वित्त वर्ष 2022-23 और एसेसमेंट ईयर 2023-24 के आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. ज्यादातर टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म संख्या -1 के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं. आईटीआर फॉर्म संख्या -1 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना सबसे सरल होता है.
कौन भर सकता है आईटीआर संख्या -1
ऐसे इंजिविजुअल टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से कम है जो सैलेरी, एक हाउस प्रॉपर्टी के अलावा बैंक से मिलने वाले ब्याज, डिविडेंड और 5000 रुपये तक सालाना कृषि आय से प्राप्त होता है वैसे टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म संख्या -1 के जरिए आयकर रिटर्न भरना होता है. ऐसे लोग जिन्होंने अनलिस्टेड स्टॉक्स में निवेश किया हुआ है. किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं वे आईटीआर फॉर्म संख्या -1 के जरिए आयकर रिटर्न नहीं भर सकते हैं.
जानें आईटीआर फॉर्म संख्या-1 भरने के तरीके
स्टेप -1: सबसे पहले इनकम टैक्स की आयकर रिटर्न फाइलिंग वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाकर अपने पैन या आधार नंबर और पासवर्ड के जरिए लॉगिन करें.
स्टेप -2: इसके बाद ई-फाइल, फिर इनकम टैक्स रिटर्न और इसके बाद फाइल इनकम टैक्स रिटर्न के बटन पर क्लिक करें.
स्टेप -3: एसेसटमेंट ईयर का चुनाव करें, फिर फाइलिंग के मोड यानि ऑनलाइन या ऑफलाइन में से एक सेलेक्ट करने के बाद कंटिन्यू पर क्लिक करें.
स्टेप -4: अपने स्टेटस इंजिविजुअल को सेलेक्ट करने के बाद आगे जारी रखें.
स्टेप -5: आईटीआर फॉर्म में ड्रॉपडाउन में जाकर आईटीआर फॉर्म संख्या -1 को सेलेक्ट करें. भले ही आपकी आय कुल आयकर छूट की सीमा से ज्यादा नहीं है उसके बावजूद कुछ हालात में आयकर रिटर्न दाखिल करना जरुरी है. आप जिस कारण से रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उससे सेलेक्ट करने के बाद आगे जारी रखें.
स्टेप -6: अगले पेज पर आपको 5 सेक्शन मिलेंगे जिसमें पर्सलन इंफॉर्मेशन, कुल इनकम, कुल डिडक्शन, टैक्स पेड और कुल टैक्स लायबिलिटी दिखेगा. इन सभी सेक्शन में प्री-फिल्ड डेटा के साथ आपको अपने डिटेल्स को वेरिफाई करना होगा. अगर जरुरी हो तो आप इसमें बदलाव भी कर सकते हैं.
आपकी सैलेरी, एचआरए सभी प्री-फिल्ड होगा लेकिन अपने फॉर्म-16 से सभी जानकारियों का मिलान अवश्य कर लें. अगर हाउस प्रॉपर्टी से इनकम प्राप्त हुआ है तो लेट-आउट प्रॉपर्टी को सेलेक्ट कर लें. सेविंग अकाउंट या एफडी से प्राप्त हुए ब्याज के रकम को लिखना ना मूलें.
टैक्स पेड सेक्शन में वित्त वर्ष में चुकाये गए टैक्स डिटेल्स को वेरिफाई कर लें. इसके बाद टोटल टैक्स लायबिलिटी सेक्शन में कुल टैक्स की समीक्षा कर लें.
सभी जरुरी जानकारी आईटीआर फॉर्म में भरने के बाद रिटर्न के प्रीव्यू करने के लिए प्रोसीड पर क्लिक करें. अगर सभी जानकारियां सही है तो अपने रिटर्न को सबमिट कर दें.
स्टेप -7: आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद उसका वेरिफिकेशन सबसे जरुरी है. 30 दिनों के भीतर वेरिफाई नहीं करने पर रिटर्न इनवैलिड हो जाएगा. आयकर विभाग तभी रिटर्न को प्रोसेस करता है जब आईटीआर वेरिफाई हो. डिजिटल सिंग्नेचर सर्टिफिकेट, इलेक्टॉनिक वेरिफिकेशन कोड, आधार बेस्ड ओटीपी या फिर रिटर्न की एकनॉलेजमेंट कॉपी पर हस्ताक्षर करने के बाद सीपीसी बैंगलुरू भेजकर भी वेरिफिकेशन कराया जा सकता है. इस प्रक्रिया के बाद टैक्सपेयर को एसएमएस और ईमेल के जरिए रिटर्न फाइल करने का कंफर्मेशन मिल जाएगा कि रिटर्न दाखिल हो चुका है.
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