How To Save Tax Burden: वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत हो चुकी है. कई कंपनियों ने बीते वर्ष शानदार वित्तीय नतीजों के चलते अप्रैल महीने में अपने कर्मचारियों को इंक्रीमेंट भी दिया होगा. इनकम बढ़ने के साथ टैक्स की देनदारी भी बढ़ जाती है. ऐसे में टैक्स प्लानिंग करना बेहद जरुरी है. आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी है कि आप टैक्स के बढ़ते बोझ से खुद को कैसे बचा सकते हैं.
आपकी कुल इनकम के आधार पर आप अलग अलग टैक्स बेनिफिट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन को चुन सकते हैं और उसके अनुसार इनकम टैक्स बचत की योजना बना सकते हैं. आपके लिए ये समझना आवश्यक है कि किस तरह टैक्स सेविंग प्लान मौजूद हैं जिनमें निवेश कर आप टैक्स बचा सकते हैं.
1. धारा 80सी ( 1.5 लाख तक) - सलाना डेढ़ लाख रुपये तक टैक्स छूट वाली योजनाओं में निवेश कर आप टैक्स की देनदारी से खुद को बचा सकते हैं. इसके तहत पीपीएफ (PPF), एनपीएस ( NPS), एनएससी ( NSC), ईपीएफ (EPF), टैक्स सेवर फिक्स्ड डेपोज़िट (कर बचत सावधि जमा), इंश्योरेंस स्कीम ( Insurance Scheme), यूलिप ( ULIP), ईएलएसएस ( ELSS) में डेढ़ लाख रुपये सलाना निवेश को दिखाकर आप टैक्स बचा सकते हैं. इसके अलावा अगर आपने ने होम लोन ( Home Loan) लिया हुआ है तो डेढ़ लाख रुपये के मूलधन ( Pricipal Amount) के भुगतान पर आप टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. तो इसके अलावा दो बच्चों के सलाना 1.50 लाख रुपये तक ट्यूशन फीस ( Tution Fees) के भुगतान पर भी टैक्स छूट मिलता है. ये जानना आपके लिए बेहद जरुरी है कि ये सभी निवेश का खर्च धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये के भीतर ही आता है. इससे ज्यादा निवेश या भुगतान पर टैक्स छूट नहीं मिलेगा.
2. सेक्शन -24 - टैक्स बचाने का ये सबसे कारगर तरीका है. आप होम लोन लेकर जो घर खऱीदते हैं उसके मूलधन और ब्याज के भुगतान दोनों पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है. 1.50 लाख रुपये मूलधन के भुगतान पर 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है तो सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
3. धारा 80सीसीडी (1बी) - आपने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बारे में सुना होगा. नेट टैक्सेबल इनकम को कम करने के लिए एनपीएस टैक्स सेविंग ऑप्शन को आप चुन सकते हैं. 80 सी में 1.5 लाख रुपये की सीमा के अलावा एनपीएस में 50,000 रुपये निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं.
4. धारा 80डी - इस धारा के तहत हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर टैक्स बेनेफिट हासिल कर सकते हैं. इस धारा के अंतर्गत आप रु. 1 लाख तक की कटौती की सुविधा का लाभ ले सकते हैं. अगर स्वयं, पति/पत्नी और बच्चों के लिए मेडिकल इश्योरेंस के प्रीमियम पर 25,000 रुपये की कटौती का लाभ ले सकते हैं. यदि आप सीनियर सिटिजन है तो 50,000 रुपये की कटौती का लाभ ले सकते हैं.
5. धारा 80ई - एजुकेशन लोन के ब्याज के भुगतान पर भी टैक्स कटौती का लाभ ले सकते हैं. एजुकेशन लोन के लिए आपके द्वारा भुगतान किया गया इंटरेस्ट (ब्याज) धारा 80ई के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र है.
6.धारा 80 - डोनेशन देने भी टैक्स छूट का लाभ हासिल किया जा सकता है. इसलिए अच्छे कार्यों के लिए दिए गए डोनेशन से भी टैक्स कटौती का लाभ मिल सकता है.
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