अमेरिकी डॉलर को पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर करेंसी के रूप में जाना जाता है. दुनिया के काफी सारे देश अमेरिकी डॉलर में ही अपना बिजनेस करते हैं. करीब 85 फीसदी बिजनेस डॉलर के जरिए ही होता है. इसलिए इसे इंटरनेशनल बिजनेस करेंसी भी कहा जाता है. लेकिन कई लोगों के जहन में ये सवाल अक्सर आता है कि क्या डॉलर की तरह भारतीय रुपया भी किसी देश में मान्य है या नहीं. अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है तो आज हम आपको इसका जवाब देंगे. तो चलिए जानते हैं इसका जवाब क्या है.
इन देशों में चलती है इंडियन करेंसी
दरअसल दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां औपचारिक और अनौपचारिक तरीके से भारतीय करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय रुपया बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के कई इलाकों में अनौपचारिक तौर पर स्वीकार किया जाता है. हालांकि इन देशों में भारतीय रुपये को लीगल करेंसी की मान्यता प्राप्त नहीं है. इन देशों में भारतीय करेंसी को स्वीकार इसलिए किया जाता है, क्योंकि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में सामान का निर्यात करता है.
जिंबाब्वे में रुपया को माना जाता है लीगल
वहीं अब सवाल ये है कि क्या किसी देश में भारतीय रुपया को लीगल करेंसी के रूप में स्वीकार किया जाता है या नहीं, तो इसका जवाब है हां. दरअसल जिंबाब्वे में भारतीय करेंसी को लीगल तौर पर स्वीकार किया जाता है. साल 2009 में जिंबाब्वे ने अपनी स्थानीय मुद्रा, जिंबाब्वे डॉलर को त्याग दिया था. इसके पीछे वजह थी कि देश की करेंसी के कीमत में बहुत कमी आ गई. थी.
साल 2014 से जिंबाब्वे में ली जाती है भारतीय करेंसी
साल 2009 के बाद जिंबाब्वे दूसरे देशों की करेंसी को अपने देश की करेंसी के रूप में लेने लगा. अभी यहां अमेरिकी डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, चीनी युआन, भारतीय रुपया, जापानी येन, दक्षिण अफ्रीकी रैंड और ब्रिटिश पाउंड को पेमेंट के रूप में स्वीकार किया जाता है. साल 2014 में भारत की करेंसी रुपया को जिंबाब्वे में लीगल करेंसी के रूप में यूज किया जा रहा है.
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