नई दिल्ली: वर्तमान समय में हेल्थ इंश्योरेंस जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है. कोविड-19 महामारी की वजह से अधिकतर लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराने के बारे में सोच रहे हैं. बाजार में कई ऐसी कंपनियां हैं जो हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइड करा रही हैं, लेकिन उनके नियम व शर्तों में भी कुछ ऐसे पॉइंट्स छिपे होते हैं. अधूरी जानकारी के साथ इंश्योरेंस लेना काफी महंगा पड़ सकता है. इसके अलावा सही कंपनी न चुनने पर इमरजेंसी स्थिति में आपको इंश्योरेंस कंपनी के कई चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए.




टॉप कंपनियों की पॉलिसी करें कंपेयर


अगर आपके पास स्मार्टफोन है तो आपको बीमा कराने से पहले यह देख लेना चाहिए कि कौन सी कंपनी कम पैसों में अच्छी सुविधाएं दे रही है. इसके लिए आप कुछ कंपनियों की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं. वहां आपको हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में बेसिक जानकारी मिल जाएगी. साथ ही कस्टमर केयर के नंबर पर कॉल कर आप अपने सभी सवालों के जवाब जान सकते हैं. इंटरनेट पर कई ऐसे एप्स भी मौजूद हैं, जो पॉलिसी कंपेयर करने में मदद करते हैं. ऐसे में इन एप्स की भी मदद ली जा सकती है.




बजट के हिसाब से चुनें प्रीमियम


आप अपने बजट के हिसाब से प्रीमियम चुनें. सबसे पहले तो यह देखें कि आप अपने परिवार के कितने लोगों को इंश्योरेंस में कवर करना चाहते हैं. कई ऐसे प्लान भी होते हैं जिनमें आप एक साथ परिवार के कई सदस्यों को कवर कर सकते हैं. इसके लिए आप किसी जानकार की सलाह भी ले सकते हैं. जो हेल्थ इंश्योरेंस आपके बजट के हिसाब से ठीक हो, उसे ही लेना चाहिए.




पहले क्लियर कर लें नियम और शर्तें


हेल्थ इंश्योरेंस प्लान इससे पहले कंपनी से इस बात पर जरूर चर्चा कर लें कि इस पॉलिसी में कौन-कौन सी बीमारियां कवर की जाएंगी. साथ ही पहले से चली आ रही बीमारियों पर कंपनी का क्या रुख रहेगा. यह जानना भी जरूरी है कि इमरजेंसी स्थिति में कंपनी आपकी किस तरह मदद करेगी. इन सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद ही हेल्थ पॉलिसी लेनी चाहिए.




कंपनी का क्लेम रिजेक्शन रेश्यो जरूर देखें


हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनियों का क्लेम रिजेक्शन रेश्यो जरूर देख लेना चाहिए. इसका मतलब होता है कि कंपनी ने पिछले 1 साल में किए गए क्लेम में कितने मामलों को स्वीकार किया है और कितने मामलों को रिजेक्ट कर दिया है. अगर किसी कंपनी का क्लेम रिजेक्शन रेश्यो ज्यादा है तो उस कंपनी की पॉलिसी लेने से बचना चाहिए. आजकल कंपनियां बेहतर प्रदर्शन होने पर इस रेश्यो को अपनी वेबसाइट पर ही दिखा देती हैं.




इंश्योरेंस लेते वक्त किसी भी बीमारी को न छिपाएं


अगर आप पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त आपको उसकी पूरी जानकारी कंपनी को दे देनी चाहिए, ताकि आगे चलकर आपको किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. साथ ही आपको यह भी जानकारी ले लेनी चाहिए कि उस बीमारी में कंपनी आपकी किस तरह मदद कर सकती है. बीमारियां छिपाकर कई बार लोग अपना प्रीमियम तो कम करा लेते हैं, लेकिन भविष्य में परेशानी होने पर उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. ऐसे में उनके हेल्थ इंश्योरेंस कराने का कोई मतलब नहीं रह जाता.