नई दिल्लीः अगर आप अपने साथ-साथ परिवार के आश्रित सदस्यों, माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी और बच्चों के लिए हेल्थकेयर पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि आपके लिए किन बातों को जानना जरूरी है.


सबसे पहला विकल्प आपकी कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई गई स्वास्थ्य बीमा कवरेज सर्वश्रेष्ठ होती है. कुछ कंपनियों में सिर्फ पत्‍नी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योसरेंस होता है जबकि कुछ में आप माता-पिता के लिए भी हेल्थ इंश्यो‍रेंस पॉलिसी हर माह कुछ सीमित कीमत देकर खरीद सकते हैं. ये कीमत आपके वेतन से सीधे तौर पर कट जाती है, आपको अलग से कुछ नहीं देना होता.


आपके माता-पिता यदि आप पर निर्भर हैं, तो भी अतिरिक्त प्रीमियम के लिए एक ही योजना के तहत कवर किए जाने की संभावना है. बीमित व्यक्ति की प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग शर्तें हो सकती हैं. यदि आपको अतिरिक्त कवर की आवश्यकता महसूस होती है, तो आप एक टॉप-अप या सुपर टॉप-अप हॉस्पिटलाइज़ेशन पॉलिसी या एक सीरियस डिज़ीज कवर या एक बड़ी सर्जरी पॉलिसी खरीद सकते हैं.


इन नीतियों के लिए आप जो प्रीमियम भरते हैं, उसके लिए आप इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि, आपके भाई को हेल्थ पॉलिसी योजना के तहत शामिल किए जाने की संभावना नहीं है. यहां तक कि एक 'कमर्शियल हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिस' में भी भाई-बहन को कवर नहीं किया जाता.


आपके माता-पिता और भाई-बहन के लिए हेल्थ पॉलिसी हो सकती है, बशर्ते वह आर्थिक रूप से आप पर या माता-पिता पर निर्भर हो. निर्भर होने में शर्तें हैं जैसे- भाई-बहन बेरोजगार हो, पढ़ाई कर रहे हों, आयु कम हो. ध्यान रहें, इनकम टैक्स केवल पहले बीमित व्यक्ति को मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान उनके स्वयं के बैंक खाते से होना चाहिए.


ये भी ध्यान रखें कि हेल्थ पॉलिसी यदि कंपनी द्वारा ली गई है तो 50 से 90 फीसदी की पॉलिसी में कवरेज होगा. बाकी कीमत अस्पताल में आपको खुद ही चुकानी होती है. ऐसे में पॉलिसी लेने से पहले सुनिश्चित कर लें कि कितना फीसद आपको अपनी जेब से भरना होगा.


ये खबर एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.