नई दिल्लीः 31 दिसंबर की रात 7.30 बजे प्रधानमंत्री ने देश के गरीबों, गांव में रहने वाले लोगों की जिंदगी को सुकून देने वाली सौगातों का पिटारा खोला. लेकिन साल की शुरुआत में 6 ऐसी खबरें भी आई हैं, जिनका वास्ता आपसे, आपकी जेब से, आपके बच्चों, बीवी, गाड़ी, किचन सबसे है. सरकार के अब तक के कौन-कौन से ऐलान हैं जो आपके लिए थोड़ी पैसे की बचत करा सकते हैं और पैसे खर्च करा सकते हैं, इन सब को यहां जान लीजिए.


देश के कई बैंकों ने कर्ज सस्ता कर दिया है. यानी घर और कार खरीदनी है तो मुनाफा आपको होगा. लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है. सरकार ने कहा है कि रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज देना ग्राहक की इच्छा पर निर्भर करेगा. यानी रेस्टोरेंट में खाना खाएंगे तो मुनाफा आपका होगा. लेकिन घर में खाना खाएंगे तो जेब कटेगी, क्योंकि सिलेंडर महंगा हो गया है. इसीलिए आपका फायदा हुआ या नुकसान? ये तय करने के लिए सरकार के अब तक के सारे ऐलानों को जानना आपके लिए जरूरी है.


कैशलेस पेमेंट पर छूट और ईनाम
कैशलेस पेमेंट करेंगे तो सरकार लकी ड्रॉ में इनाम देगी. कई सारी छूट भी सरकार देती है लेकिन अब कार्ड स्वाइप कराके पास की दुकान से 2500 रुपये का राशन भी खऱीदा तो 25 रुपये और चुकाने पड़ेंगे. ऐसे में आपका फायदा हुआ कि नहीं ये सवालिया बना हुआ है. 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने देश के मिडिल क्लॉस, छोटे कारोबारी, किसान और निम्न आय वर्ग को कई सौगातें दे डालीं. लेकिन बड़े मुनाफे की नए साल में आई. लगातार कई बैंकों ने कर्ज सस्ता कर दिए हैं. हाल के वर्षों में ब्याज दरों में सबसे बड़ी कटौती का जब ऐलान हुआ तो आम आदमी की बांछें खिल गईं. नोटबंदी की मुश्किलों से जूझ रही आम जनता के लिए मरहम की तरह ये खबर आई. बैंकों ने जो ब्याज दरों में कटौती की है. वो पुराने ग्राहकों को भी फायदा देगी, बस उन्हें कनवर्जन फीस देनी होगी.


बैंकों ने कर्ज सस्ता किया
पंजाब नेशनल बैंक ने अब साढ़े आठ फीसदी की सालाना दर पर होम लोन देगा. इससे 20 साल के लिए 50 लाख के कर्ज पर EMI जो घटेगी उससे हर महीने 2240 रुपये का फायदा होगा. इसी तरह एसबीआई ने जो ब्याज दर घटाई उससे 20 साल के लिए 50 लाख के कर्ज की EMI देने पर अब महीने में 1603 रुपये का फायदा होगा. यहां ये आपको जरूर जान लेना चाहिए कि जो कम हुई ब्याज दरें हैं, इनका पूरा फायदा तो नए ग्राहकों को ही मिलेगा. लेकिन पुराने ग्राहक भी कनवर्जन चार्ज के तौर पर कुछ रकम चुकाकर फायदा उठा पाएंगे.


अब तक जितने बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है. उसमें नंबर वन पर बंधन बैंक है. बंधन बैंक ने ब्याज दर में 1.48 फीसदी की कटौती की है.
ICICI बैंक ने ब्याज दर में 0.7 फीसदी की कटौती की है. देना बैंक ने भी ब्याज दर 0.75 फीसदी घटाई है. कोटक महिंद्रा बैंक ने 0.45 फीसदी की कटौती ब्याज दर में की है. इसके अलावा एसबीआई अफोर्डेबल लोन की स्कीम लाए हैं. इसके अलावा एसबीआई से 30 लाख रुपये तक का लोन 8.5 फीसदी की दर से मिलेगा. एसबीआई ने एक ब्रिज लोन की सुविधा भी दी है. जिसमें बड़ा घर खरीदना है तो पुराने घर के आधार पर लोन मिल जाएगा. एसबीआई ब्रिज लोन सुविधा में पुराना घर 2 साल में बेचकर नए लोन का पैसा चुका सकते हैं.


नए साल में क्या हुआ सस्ता?
अब आप कहीं भी रेस्टोरेंट में खाना खाएंगे या पैक कराएंगे और उसके बाद अगर बिल में सर्विस चार्ज भी जोड़ा गया है तो आप देने से मना कर सकते हैं. सरकार ने कहा है कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक है. होटल या रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज देने के लिए दबाव नहीं डाल सकते. आप जो सर्विस टैक्स, वैट या दूसरे टैक्स खाने पर देते हैं, वो तो सरकार को मिलता है. लेकिन सर्विस चार्ज सरकार को नहीं मिलता. वो रेस्टोरेंट अपने पास ही रखता है. सर्विस चार्ज इसलिए लेते हैं ताकि वेटर के बीच उसे बराबर बराबर बांटा जा सके.


लेकिन सवाल तो ये है फिर क्यों सरकार ने ही सर्विस चार्ज के झंझट को खत्म नहीं कर दिया. क्या गारंटी है कि रेस्टोरेंट वाले सर्विस चार्ज के नाम पर झिकझिक नहीं करेंगे. हांलाकि सरकार का कहना है कि रेस्टोरेंट-होटल को बोर्ड पर ये लिखना होगा कि असंतुष्ट ग्राहक सर्विस चार्ज को बिल से हटवा सकते हैं. लेकिन ये खबर भी आई थी कि होटल एसोसिएशन सर्विस चार्ज पर सरकार के हुक्म के खिलाफ खड़ी हो रही है. तो आपको पूरी तरह सर्विस चार्ज माफ होने का फायदा मिलेगा या नहीं ये भी सवालों के घेरे में है.


नए साल में क्या हुआ महंगा?
2017 के पहले दिन पेट्रोल-डीजल महंगा होने की खबर मिली. विरोधी सवाल उठाते हैं कि जब विश्व बाजार में जून 2012 में कच्चा तेल 109 डॉलर प्रति बैरल था तो पेट्रोल की कीमत 71 रुपये थी. और अब जबकि कच्चा तेल करीब 55 डॉलर पर मिल रहा है तो भी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70 रुपये के पार ही है. साल के पहले ही दिन बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 2 रुपये और सब्सिडी वाला सिलेंडर 1 रुपये महंगा हो गया है.


नोटबंदी से पहले सरकार ने 45 दिन में चार बार पेट्रोल का दाम बढ़ाया था. नोटबंदी के बाद सरकार पेट्रोल का दाम 3 बार बढ़ा चुकी है. नवबंर 2014 से फरवरी 2016 तक यानी 16 महीने में सरकार ने नौ बार एक्साइज ड्यूटी तेल पर लगाई. 9 बार एक्साइज ड्यूटी लगाकर सरकार पेट्रोल खुद 11 रुपये 80 पैसे प्रति लीटर महंगा कर चुकी है. जबकि 9 बार में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर डीजल 13 रुपये साठ पैसे प्रति लीटर महंगा हो चुका है. इसके बाद राज्यों की बारी आती है, वो भी आपके मुनाफे में सेंधमारी करते हैं. जैसे अप्रैल 2014 से जून 2016 तक मध्य प्रदेश ने पेट्रोल पर 18 फीसदी तक टैक्स बढ़ाया. महाराष्ट्र में 15 फीसदी तक पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाया गया है. जून 2016 के आंकड़ों के मुताबिक एक लीटर पेट्रोल की कीमत में 54 फीसदी दाम तो सिर्फ टैक्स का बन जाता है.


कैशलेस ट्रांजेक्शन पर कितना एक्स्ट्रा खर्च?
अगर कैशलेस ट्रांजेक्शन पर आपको सरकार कई तरह का डिस्काउंट दे रही है तो ये भी सच है कि अब डेबिट कार्ड से 1000 की खरीदारी पर 2.5 रुपये और 2000 रुपये तक खरीदारी पर 10 रुपये एक्स्ट्रा देने पड़ेंगे. सरकार कहती है कार्ड स्वाइप करिए और कैशलेस हो जाइए. लेकिन अब तो एटीएम कार्ड के 5 बार से ज्यादा इस्तेमाल पर भी फीस लगनी है. वहीं दूसरे बैंक के एटीएम में 3 ट्रांजेक्शन के बाद प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपये देना होगा. अगर आपको टिकट ऑनलाइन बुक कराने पर सरकार इंश्योरेंस बीमा मुफ्त देती है तो जल्द ही हर रेल टिकट पर 10 पैसे का सेस लगाने की भी योजना सरकार की है.


नोटबंदी के बीच इस बात पर भी जोर देकर बताया गया कि रबी की फसल की बुआई खूब हुई है. लेकिन इस राजनीतिक आंकड़ें की एक और सच्चाई भी है. जैसे छत्तीसगढ़ में किसान ने पहले अपनी मेहनत से उगाया टमाटर सड़क पर फिंकवा दिया था. किसानों ने एक लाख किलो सब्जी जनता को फ्री में बांट दी. क्योंकि इन्हें सब्जी के बदले अठन्नी मिल रही थी. तो किसानों को सरकार के ऐलानों का असली फायदा कब तक मिलेगा ये भी बहुत बड़ा सवाल है.


कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आपको कुछ मोर्चों पर जहां राहत देकर एक जेब में पैसा डाला गया है तो चीजें महंगी होने और टैक्स लगने से दूसरी जेब से पैसा निकल भी रहा है.