बिजनेस के मामले में एक बुनियादी बात कही जाती है कि किसी इलाके में जिस चीज की दुकानें नहीं हों, उन्हें शुरू करना सफलता की गारंटी होती है. इसका कारण माना जाता है कि कोई प्रतिद्वंदी नहीं होने से पूरी डिमांड उस एक दुकान के पास ही जाएगी. हालांकि यह पूरा सच नहीं है. आपने खुद भी इसे कई बार देखा होगा.


ठीक नहीं है ऐसा सोचना


शहरों में अक्सर ऐसा देखने को मिल जाता है कि मार्केट में कपड़े के कई ब्रांडों के स्टोर एक-दूसरे के अगल-बगल में रहते हैं. इसी तरह आपने कतार से एक ही तरह के रेस्तरां-होटल भी देखे होंगे. कई शहरों में सबवे, मैकडी, बर्गर किंग जैसे प्रतिस्पर्धी फास्ट फूड ब्रांडों के स्टोर एक-दूसरे के बगल में होते हैं. पेट्रोल पंपों के मामले में भी यह देखने को मिलता है. ये देखकर संभव है आपने भी सोचा हो कि यह तो पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है, लेकिन यह सच नहीं है. ये बड़े ब्रांड कारोबार करने की एक खास रणनीति के तहत ऐसा करते हैं और इससे उन्हें खूब फायदा भी होता है.


ट्विटर पर समझाई गई बात


ट्विटर पर Businessaholic (@TBusinessaholic) हैंडल ने इस फॉर्मूले को हाल ही में समझाया है. इसे गेम थियरी कहा जाता है. इसे Businessaholic ने एक उदाहरण से समझाया है. मान लीजिए कि दो आइसक्रीम वेंडर हैं. दोनों किसी समुद्र तट पर बिजनेस करते हैं, जो एक किलोमीटर लंबा है. स्वाभाविक हे कि दोनों ही अपना बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं. शुरुआत में दोनों उस समुद्र तट के ठीक बीच में 500 मीटर की दूरी पर अपना स्टॉल लगाते हैं. इस स्थिति में पहले वेंडर को दाएं और दूसरे वेंडर को बाएं हिस्से वाले कस्टमर मिलते हैं. वहीं दोनों के बीच वाले 500 मीटर के हिस्से के ग्राहक दोनों में बंट जाते हैं.



इस तरह से ठहर जाता है मामला


अब अगले दिन एक वेंडर ज्यादा कस्टमर के लोभ में समुद्र तट के बिलकुल मिडल में स्टॉल लगा देता है. अब उसे 62.5 फीसदी कस्टमर मिलते हैं, जबकि दूसरे को 37.5 फीसदी. ऐसे में अगले रोज दूसरा वेंडर भी वहीं आ जाता है और इस तरह दोनों को फिर से आधे-आधे कस्टमर मिलते हैं. इसका नतीजा होता है कि दोनों में से किसी का बिजनेस नहीं बढ़ पाता है. गेम थियरी में इसे नैश इक्विलिब्रियम कहा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसके बाद दोनों में से किसी प्रतिद्वंदी के बिजनेस में बढ़ने की संभावना नहीं रह जाती है.


क्या कहती है गेम थियरी


गेम थियरी कहती है कि पहली कंपनी अपना स्टोर निश्चित ही अच्छे से रिसर्च करने के बाद सबसे ज्यादा बिजनेस की संभावना वाले इलाके में खोलेगी. अब बाकी प्रतिद्वंदी कंपनियां सिर्फ उसी इलाके में आस-पास स्टोर खोलकर ग्राहक जुटा सकती हैं. इस मामले में बाकी कंपनियों को मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है और आसानी से उन्हें भी ग्राहक मिल जाते हैं.


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