Invest In PPF: 5 अप्रैल से पहले निवेश करने पर पीपीएफ पर हासिल कर सकते हैं ज्यादा रिटर्न, जानें कैसे
PPF: जानकारों की मानें तो इस स्कीम के तहत, अधिकतम रिटर्न पाने के लिए निवेशकों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही, यानी 1 अप्रैल से 4 अप्रैल के बीच निवेश करना चाहिए.
PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेशकों के लिए एक सुरक्षित के साथ बेहतर रिटर्न देने कू निवेश योजना है. पीपीएफ में निवेश बाजार के उतार चढ़ाव से बेअसर है. इसमें निवेश पर टैक्स बेनेफिट्स मिलता है. इतना ही नहीं निवेश पर मिलने वाले ब्याज की रकम और मेच्योरिटी अमाउंट पर भी कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है. PPF में निवेश पर सरकार गारंटी देती है. इसलिए निवेशकों के लिए इसमें जोखिम न के बराबर होता है. पीपीएफ खाते में सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं जो कि मासिक या सालाना आधार पर किया जा सकता है.
जानें कैसे पा सकते हैं ज्यादा ब्याज
दरअसल ज्यादातर निवेशक पीपीएफ खातों में वित्तीय वर्ष के अंत में टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं. हालांकि जानकारों की मानें तो इस स्कीम के तहत, अधिकतम रिटर्न पाने के लिए निवेशकों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही, यानी 1 अप्रैल से 4 अप्रैल के बीच निवेश करना चाहिए. PPF के नियमों के अनुसार, इस अकाउंट पर ब्याज का कैलकुलेशन 5 तारीख से महीने के अंत तक जमा मिनिमम बैलेंस पर होता है. PPF जमा पर ब्याज हर महीने कैलकुलेट किया जाता है. लेकिन, वित्त वर्ष के अंत में खाते में क्रेडिट किया जाता है. यानी 5 अप्रैल से पहले इस खाते में पैसे जमा करने पर उस महीने के ब्याज के लिए भी आप पात्र होंगे. 5 तारीख के बाद पैसे जमा करते हैं तो आपको ब्याज का नुकसान उठाना पड़ेगा.
पीपीएफ पर कैसे होता है ब्याज कैलकुलेशन
ब्याज कैलकुलेशन के लिए पीपीएफ खाते में उस रकम को लिया जाता है जो किसी महीने की पांचवी तारीख से और महीने के आखिरी दिन के बीच होता है. इसका मतलब यह है कि अगर आप किसी महीने की पांच तारीख के बाद पैसा डालते हैं तो पिछले महीने खाते में जो रकम है, उस पर ब्याज कैलकुलेट होगा. इसके विपरीत अगर किसी महीने की पांच तारीख से पहले पैसे पीपीएफ खाते में जमा किए जायें तो पिछले महीने के साथ ही इस महीने में जो बैलेंस होगा, उस पर ब्याज का कैलकुलेशन किया जाएगा.
बन सकता है 1 करोड़ का फंड
पीपीएफ स्कीम पर प्रति वर्ष 7.1% ब्याज मिलता है. इसे सलाना कंपाउंड किया जाता है और 15 साल बाद मैच्योरिटी पर भुगतान किया जाता है. यह स्कीम निवेशकों को प्रत्येक 5 वर्ष के ब्लॉक में अपने अकाउंट को अनिवार्य मैच्योरिटी पीरियड से आगे बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करती है. आप पीपीएफ जमा पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं. इसमें मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स-फ्री है. पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर से 25 साल में एक करोड़ रुपये तक फंड तैयार किया जा सकता है.
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