Income Tax Return: टैक्सपेयर्स ( Taxpayers) ने वित्त वर्ष 2021-22 और एसेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return) दाखिल करना शुरू कर दिया है.  ज्यादातर टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 फॉर्म (ITR Form-1) के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं. खासतौर से वेतनभोगी टैक्सपेयर्स. आईटीआर फॉर्म -1 (ITR-1) को सहज के नाम से भी जाना जाता है. जिन टैक्सपेयर्स के आय का जरिया केवल वेतन, या फिर हाउस प्रॉपर्टी है उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आईटीआर फॉर्म संख्या -1 का इस्तेमाल करना होता है. 


आपको बता दें अगर कोई टैक्सपेयर आईटीआर फॉर्म संख्या -1 का इस्तेमाल कर आयकर रिटर्न भरता है तो ऐसे में सभी जानकारियां ई-फाइलिंग वेबसाइट पर फॉर्म में प्री फिल्ड होती है. हालांकि टैक्सपेयर्स के लिए ये जरुरी है कि वे प्री फिल्ड जो भी जानकारी दी गई है उसे वेरिफाई करें और जो गलत जानकारी है उसे सही करें.   


ITR-1 में दी जाने वाली जानकारियां 
आयकर रिटर्न भरते समय सैलेरी से प्राप्त इनकम, एक हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय और ब्याज से होने वाले आय और डिविडेंड से होने वाली आय की जानकारी घोषित करनी पड़ती है. इसलिए इनके अलावा कोई और भी आय का जरिया है तो वैसे टैक्सपेयर्स आयकर रिटर्न भरने के लिए आईटीआर फॉर्म -1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. 


गलत आईटीआर फॉर्म भरने पर क्या होगा? 
अगर कोई टैक्सपेयर गलत आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल कर रिटर्न भरता है तो टैक्स विभाग उसे डिफेस्टिव रिटर्न घोषित करते टैक्सपेयर को सही फॉर्म का चुनाव कर टैक्स रिटर्न भरने के लिए नोटिस जारी करेगा.  सही आईटीआर फॉर्म भरने पर ही रिटर्न की प्रोसेसिंग की जाएगी. 


कौन लोग नहीं कर सकते हैं ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल ?
इनकम टैक्स रिटर्न के नोटिफाई किए गए नियमों के मुताबिक कई ऐसे टैक्सपेयर्स की कैटगपी हैं जो आयकर रिटर्न भरने के लिए आईटीआर फॉर्म -1 का इस्तेमाल कर नहीं कर सकते. ऐसे टैक्सपेयर्स की गैटरी इस प्रकार है. 


1.  अगर सलाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है. 


2. अगर शेयर्स, म्यूचुअल फंड, जमीन या गर बेचने से शॉर्ट टर्म या लॉंग टर्म कैपिटल गेन हासिल हुआ हो.


3.  अगर आपके पास एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी है


4. अगर कृषि से आय 5,000 रुपये से ज्यादा हो.


5. अगर इनकम बिजनेस और प्रोफेशन दोनों से प्राप्त होता हो.


6.194N के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस से तय सीमा से ज्यादा पैसे निकालने पर टीडीएस काटा गया हो.


7. अगर टैक्सपेयर Hindu Undivided Family (HUF) तहत आता है.


8. विदेशी कंपनी में विदेशों में एसेट हो. 


9. जिन लोगों ने गैर सूचीबद्ध शेयरों में निवेश किया हुआ है.


10. अगर आप किसी कंपनी के डॉयरेक्टर हैं.


11. किसी विदेशी बैंक अकाउंट में हस्ताक्षर करता हो.


12.  अगर लॉटरी, घोड़े के रेस या फिर सट्टेबाजी से इनकम हासिल हुआ हो. 


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