Loan Costly: कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक ने कस्टमर्स को दिया झटका! किया MCLR में इजाफा, यहां चेक करें नई दरें
MCLR Hike: बता दें कि MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rates) में इजाफा होने के बाद इसका सीधा असर कस्टमर को ऑफर किए जाने वाले ब्याज दरों पर पड़ा है.
Banks Hikes MCLR: देश में बढ़ती महंगाई दर के साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है. रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा असर बैंक के डिपॉजिट रेट्स और लोन रेट्स पर पड़ रहा है. लगातार बैंक अपने होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ब्याज दर से लिंक्ड MCLR में बढ़ोतरी कर रहे हैं. अब देश में प्राइवेट सेक्टर के दो बड़े बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में इजाफा करने का फैसला किया है. कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने अपनी MCLR में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. इसका असर कस्टमर्स को ऑफर किए जाने वाले लोन की ब्याज दरों पर पड़ेगा. दिवाली के इस फेस्टिव सीजन में ग्राहकों पर EMI का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.
कोटक महिंद्रा बैंक की MCLR
देश के बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक यानी कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Loan Rate Hike) ने अपनी अलग-अलग अवधि की एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है. बैंक ओवरनाइट से लेकर 3 साल तक 7.70% से 8.95% तक MCLR ऑफर कर रहा है. यह नई दरें 16 अक्टूबर 2022 से लागू हो चुकी है. आपको बता दें कि कोटक महिंद्रा बैंक का ओवरनाइट MCLR है 7.70%, 1 महीने का MCLR 7.95%, 3 महीने का MCLR 8.05%, 6 महीने का MCLR 8.30%, 1 साल का MCLR 8.45%, 2 साल का MCLR 8.75% और 3 साल का MCLR 8.95%. ज्यादातर बैंक कस्टमर्स अपने लोन को एस साल के MCLR पर लेते हैं. ऐसे में उनकी हर महीने की EMI बढ़ेगी.
फेडरल बैंक का MCLR
देश के एक और प्राइवेट सेक्टर के बैंक फेडरल बैंक (Federal Bank Loan Rate Hike) ने भी अपनी अलग-अलग अवधि के एमसीएलआर (MCLR) में इजाफा किया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि बैंक के ग्राहक सबसे ज्यादा लोन 1 साल की एमसीएलआर पर लेते हैं. यह नई दरें 16 अक्टूबर 2022 से लागू हो चुकी हैं. बैंक का ओवरनाइट एसएलआर है 8.45%, 2 महीने का एमसीएलआर 8.50%, 3 महीने का एमसीएलआर 8.55%, 6 महीने का एमसीएलआर 8.65% और 1 साल का एमसीएलआर 8.70%. इस बढ़ोतरी को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन जैसे लोन के लिए ज्यादा ब्याज दर का भुगतान करना पड़ेगा.
क्या है एमसीएलआर?
बता दें कि MCLR रेट यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rates) में इजाफा होने के बाद इसका सीधा असर कस्टमर को ऑफर किए जाने वाले ब्याज दरों पर पड़ा है. बता दें कि रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर को लगातार तीसरी चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी किया है. इस साल रेपो रेट 4.00% से बढ़कर 5.90% तक पहुंच चुका हैं. रेपो रेट में इजाफा का सीधा असर बैंक के लोन के ब्याज दर पर पड़ा है.MCLR के अनुसार ही लोन की ब्याज दरें बैंक द्वारा तय की जाती है. इसके साथ ही बैंक अपने एफडी रेट्स और सेविंग अकाउंट रेट्स में भी लगातार इजाफा कर रहे हैं.
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