Indian Economy: FY29 तक जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत, जानिए कैसे
Digital Economy: भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की बनने जा रही है. जानिए इस बारे में नैबफिड के चेयरमैन के.वी.कामत ने क्या कहा है.
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Digital Economy on KV Kamath: भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की होने का अनुमान जताया जा रहा है. इस बारे में नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस एंड डेवलपमेंट बैंक यानी नैबफिड (NaBFID) के प्रमुख के.वी.कामत ने बड़ा बयान दिया है. जानिए उन्होंने क्या कहा है.
डिजिटल सेक्टर करेगा 25 फीसदी योगदान
नैबफिड प्रमुख के.वी. कामत ने कहा कि, वित्त वर्ष 2028-29 तक देश की बढ़ी हुई जीडीपी (GDP) में डिजिटल क्षेत्र (Digital Sector) का योगदान 25 फीसदी तक होने की उम्मीद जताई जा रही है. उस समय तक देश की अर्थव्यवस्था के 7,000 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है. फिलहाल डिजिटल इकोनॉमी (Digital Economy) का योगदान 4 प्रतिशत से कम है, जबकि चीन में यह 40 प्रतिशत तक रहा है.
जापान को पीछे करेगा भारत
कामत ने कहा कि, वित्त वर्ष 2028-29 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. अभी भारतीय अर्थव्यवस्था 3,300 अरब डॉलर है. इसके उस समय तक 7,000 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है. भाषा से बातचीत में कामत ने कहा कि, डिजिटल इकोनॉमी- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-कॉमर्स और अन्य डिजिटल पेमेंट एंड सर्विस सेगमेंट देश की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. वित्त वर्ष 2028-29 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 7,000 अरब डॉलर होगा. इसमें डिजिटल इकोनॉमी का हिस्सा 25 प्रतिशत होगा जो फिलहाल चार प्रतिशत से कम है.
डिजिटल सेक्टर कर रहा मदद
आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन कामत (Former ICICI Bank Chairman) का कहना है कि, चीन की अर्थव्यवस्था का 40 प्रतिशत आज डिजिटल सेक्टर से आता है, और मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम इसे हासिल न कर सकें. कामत ने कहा कि देश के बुनियादी ढांचा निवेश को आगे बढ़ाने से रोकने की कोई वजह नहीं है, अर्थव्यवस्था में एक्सप्रेसवे, राजमार्ग, हवाई अड्डे, बंदरगाह और हाई स्पीड ट्रेन के लिए बहुत गुंजाइश है.
उन्होंने कहा कि शहरी कायाकल्प की और परियोजनाएं हो सकती हैं. इसे सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित करने की कोई वजह नहीं है. कामत ने कहा कि अगले पांच साल में भारतीय अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी.
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