(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
KYC Mandatory For Insurance: अब कोई भी बीमा खरीदने पर KYC डॉक्युमेंट्स देना अनिवार्य, जानिए क्यों है जरूरी
आज से बीमाकर्ताओं को किसी भी प्रकार के इंश्योरेंस को लेने के लिए केवाईसी डॉक्युमेंट्स देना अनिवार्य होगा. हालांकि ये अब तक ऑप्शनल था, जिसे अब जरूरी कर दिया गया है.
Insurance Rules Changed : नए साल यानि 1 जनवरी 2023 का आगाज हो गया है. आज के दिन से कई तरह के नियमों में बदलाव हुआ है. इसमें प्रमुख और बड़ा बदलाव है कि, देश में अब किसी भी पॉलिसी होल्डर्स को किसी भी प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) लेने के लिए अपने केवाईसी डॉक्युमेंट्स (KYC Documents) उस कंपनी या बैंक को देने अनिवार्य होंगे, यानि आपको पॉलिसी ख़रीदने से पहले ये दस्तावेज अनिवार्य रूप से देने होंगे. जानिए नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं.
नया नियम सभी प्रकार के इंश्योरेंस पर लागू
मालूम हो कि इस बारे में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य, ऑटो, घर आदि सभी नई इंश्योरेंस पॉलिसियों को खरीदने के लिए केवाईसी मानदंड अनिवार्य (KYC Norms Mandatory) कर दिया गया है. हालांकि ये नियम सभी तरह की इंश्योरेंस पर लागू होगा. चाहे वे लाइफ (Life), जनरल (General) और हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) ही क्यों न हों. अब तक इंश्योरेंस लेते समय केवाईसी डॉक्युमेंट्स को शेयर करना एक ऑप्शनल था. हालांकि, आज से बीमाकर्ताओं को अपने संबंधित ग्राहकों से केवाईसी दस्तावेज लेने होंगे.
क्यों पड़ी जरूरत
इस नए नियम की जरूरत क्यों पड़ी है, इससे अब क्लेम प्रॉसेस प्रक्रिया (Claim Proces) में काफी तेज आ सकेगी. इंश्योरर्स के पास ग्राहकों की एक विस्तृत प्रोफ़ाइल होती है, जिसमें बीमा कंपनियों के लिए, केवाईसी डिटेल रिस्क अससेमेंट (KYC Deatils) और प्राइसिंग की सटीकता में सुधार में मदद कर सकता है. यह फ्रॉड क्लेम के रिस्क को कम कर सकता है.
क्या है इरडा के नए आदेश
वहीं बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) का कहना है कि वे उन पॉलिसीधारकों को सामान्य और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के नवीनीकरण पर छूट देने पर विचार करें, जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन के 3 डोज़ ले रखी है. बीमा नियामक ने लाइफ और नॉन-लाइफ इंश्योरेंस दोनों कंपनियों को कोविड -19 संबंधित दावों को जल्द से जल्द निपटाने को कहा है.
एक नजर में जानिए इरडा ने क्या और कहा
- बीमा नियामक ने बीमाकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि लिस्टिड अस्पतालों को कोविड अस्पताल में भर्ती होने के लिए जमा राशि लेने से प्रतिबंधित किया है.
- कुछ अस्पताल कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद पहली और दूसरी कोविड लहर में उपचार के लिए जमा राशि मांग रहे थे, जो कि गलत थी.
- बीमाकर्ताओं को सबसे खराब स्थिति के लिए सभी बेनिफिशरीज को कोविड से संबंधित सहायता के लिए एक वॉर रूम बनाना चाहिए.
- बीमा नियामक ने कंपनियों से कहा कि डाटा को एक निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट करे, जिससे कि कोई विसंगति न हो.
- बीमाकर्ताओं ने नियामक से उपचार प्रोटोकॉल के मानकीकरण को देखने के लिए कहा है, जिससे धोखाधड़ी के मामलों को कम किया जा सके.
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