(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
L&T: एलएंडटी ने रचा नया इतिहास, महज 6 कंपनियों वाले इस क्लब में हुई एंट्री
Larsen and Toubro: अभी तक प्राइवेट कंपनियों के इस एलीट क्लब में सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और हिंडालको इंडस्ट्रीज ही पहुंच पाई थीं.
Larsen and Toubro: इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने बुधवार को इतिहास रच दिया. वह प्राइवेट सेक्टर की देश की दिग्गज कंपनियों के एलीट क्लब में शामिल हो गई है. कंपनी का वित्त वर्ष 24 में रेवेन्यू 21 फीसदी बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये रहा है. इसके साथ ही वह नॉन फाइनेंशियल सेक्टर की छठी ऐसी निजी कंपनी बन गई है, जिसका रेवेन्यू 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. इससे पहले सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा स्टील (TATA Steel), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) और हिंडालको इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries) ही इस माइलस्टोन तक पहुंच पाई थीं.
इंटरनेशनल बिजनेस का हिस्सा लगभग 43 फीसदी
एलएंडटी ने 2 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू का यह आंकड़ा प्रोजेक्ट और मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस की बड़ी ऑर्डर बुक के चलते पार किया है. कंपनी के कुल रेवेन्यू में इंटरनेशनल बिजनेस का हिस्सा लगभग 43 फीसदी (95,086 करोड़ रुपये) रहा है. कंपनी का नेट प्रॉफिट भी 25 फीसदी बढ़कर 13,059 करोड़ रुपये रहा है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को लगभग 3.02 लाख करोड़ के कुल ऑर्डर मिले हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये, टाटा मोटर्स का 4.2 लाख करोड़ रुपये और टाटा स्टील का 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा है. एलएंडटी के शेयर एक साल में लगभग 47 फीसदी ऊपर गए हैं.
कर्मचारियों की संख्या बढ़ाती रहेगी एलएंडटी
कंपनी के सीएफओ आर शंकर रमन (R Shankar Raman) ने छंटनी के इस दौर में युवाओं को गुड न्यूज दी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पास 38 फीसदी ऑर्डर इंटरनेशनल हैं. इसलिए कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाती रहेगी. कंपनी ने पिछले साल अपने वर्कफोर्स में लगभग 10 फीसदी (8000 कर्मचारी) का इजाफा किया है. वित्त वर्ष 2025-26 तक कंपनी नौकरियां देती रहेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी ने अगले 5 साल का प्लान तैयार किया हुआ है. आरबीआई के प्रस्तावित नियमों को उन्होंने अच्छी खबर बताते हुए कहा कि इससे जिम्मेदार कंपनियों को कोई नुकसान नहीं है.
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