नई दिल्लीः मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा-गिरजा घर में मुफ्त बांटे जाने वाले भोजन पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा. जीएसटी पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली कर व्यवस्था वस्तु व सेवा कर है जिसके तहत पूरे देश में एक सामान पर एक ही दर से टैक्स लगेगा.
बीते कुछ समय से सोशल मीडिया पर ये चर्चा गरमायी हुई है कि धार्मिक स्थानों पर मुफ्त भोजन की व्यवस्था जैसे गुरुद्वारे में लंगर जीएसटी के दायरे में आ गया है. इसी के बाद वित्त मंत्रालय के टिवट की एक श्रृंखला के जरिए इस भ्रम को दूर करने की कोशिश की. मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा-गिरजा घर में बांटे जाने वाले प्रसाद पर किसी भी तरह का जीएसटी (सीजीएसटी यानी सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, एसजीएसटी यानी स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स या फिर आईजीएसटी यानी इंडिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) नहीं लगेगा. मतलब साफ है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के जगप्रसिद्ध लड्डु या फिर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में लाडू या नारियल प्रसाद पर जीएसटी नहीं देना होगा.
बहरहाल, प्रसाद तैयार करने में इस्तेमाल होने कुछ सामग्री और सेवाओं पर जीएसटी लगेगा. मसलन, चीनी, सब्जी, खाने का तेल, घी और मक्खन पर जीएसटी लगेगा. साथ ही इन सामान को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाने पर होने वाले खर्च यानी ट्रांसपोर्टेशन फीस पर भी जीएसटी लगेगा. वित्त मंत्रालय का कहना है कि इन सामान और सामग्री का कई जगहों पर इस्तेमाल होता है. मसलन, चीनी या घी का इस्तेमाल केवल प्रसाद बनाने में ही नहीं, बल्कि घरों में या फिर होटलों में होता है. अब ऐसे में धार्मिक जगहों के लिए चीनी या घी के लिए अलग से जीएसटी की दर तय करना संभव नहीं है.
मंत्रालय के मुताबिक, यहां ये भी समझना जरुरी है कि जीएसटी अलग-अलग स्तर पर कर लगाने की व्यवस्था यानी मल्टी स्टेज टैक्स है, ऐसे में इस्तेमाल के आधार पर टैक्स से छूट देना या टैक्स में रियायत देना बहुत ही मुश्किल है. लिहाजा जीएसटी में किसी भी सामान या सेवा के अंतिम इस्तेमाल के आधार पर छूट देने का प्रावधान नहीं है.
जीएसटी लागू हुए 10 दिन से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है और इसी के साथ सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सअप, फेसबुक या टिवटर के जरिए तरह-तरह की अफवाहें और किस्से-कहानियां फैलाने की रफ्तार भी तेज हो चुकी है. नतीजा नयी कर व्यवस्था को लेकर लोगों में काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इसी के मद्देनजर वित्त मंत्रालय लगातार सोशल मीडिया के जरिए ही अफवाहों-किस्से-कहानियों का सच लोगों के सामने रखने में जुटा है, साथ ही उसकी लोगों से अपील भी है कि आधिकारिक स्रोतों के अलावा किसी अन्य माध्यमों से भेजे गए संदेश को आगे नहीं बढ़ाएं.